भोपाल: नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय के तत्कालीन संयुक्त संचालक अनिल कुमार गोंड के फर्जी हस्ताक्षर करके सात करोड़ 59 लाख 51 हजार रुपये का घोटाला करने वाले निलंबित सहायक-वर्ग तीन राम सिंह रायपुरिया को बर्खास्त कर दिया गया। नगरीय विकास आयुक्त भरत यादव ने विभागीय जांच प्रतिवेदन के आधार पर यह कार्रवाई की। गबन की राशि की वसूली हितग्राही खाताधारकों से नहीं की जा सकेगी तो उसकी भरपाई सेवा शर्तों के अनुसार भू-राजस्व के बकाया की तरह होगी।
नगरीय विकास आयुक्त ने बताया कि विभागीय जांच प्रतिवेदन में प्रमाणित किया गया है कि रायपुरिया ने ही कुल 33 कूटरचित पत्र तैयार करके तत्कालीन संयुक्त संचालक अनिल कुमार गोंड के फर्जी हस्ताक्षर करके राशि स्वयं व अपने रिश्तेदारों के खातों में हस्तांतरित की।
रायपुरिया द्वारा नगरीय विकास एवं आवास संचालनालय के माध्यम से नगरीय स्थानीय निकायों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए संचालित राष्ट्रीय पेंशन योजना के भारतीय स्टेट बैंक की शाखा लिंक रोड क्रमांक एक में संधारित बचत खाते से कूटरचना कर राशि स्वयं, अपने रिश्तेदारों एवं अन्य व्यक्तियों के खाते में हस्तांरित की थी। उनके विरुद्ध दिसंबर 2022 में भारतीय दंड संहिता की धारा 406,409, 420, 467, 468 एवं 471 के अंतर्गत एफआइआर दर्ज की गई थी, जिसके संबंध में प्रकरण जिला एवं सत्र न्यायालय, भोपाल में चल रहा है और वह केंद्रीय कारागार भोपाल में बंद हैं।
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