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Tirupati Balaji : भगवान तिरुपति बालाजी के बाल हैं एकदम असली…मंदिर से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें जानिए


Tirupati Balaji:
 तिरुपति बालाजी मंदिर को चमत्कारी मंदिर भी कहा जाता है। बता दें कि तिरुपति तिरुमला देवस्थानम भारत में सबसे अमीर और सबसे मशहूर मंदिरों में से एक है। आंध्र प्रदेश के चित्‍तूर जिले में स्थित इस मंदिर के प्रति दुनियाभर के लोगों की आस्‍था देखने को मिलती है। 


वेंकटेश्‍वर स्‍वामी इस मंदिर के प्रमुख देवता है , जिन्‍हें विष्णु भगवान का अवतार माना जाता है। तिरुपति बालाजी मंदिर को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं। मंदिर में देवताओं के अनुष्ठान के लिए फूल घर, दीपक, घी, दूध, पत्ते तिरुपति से 22 किमी दूर एक गांव से मंगाए जाते हैं ।


 आश्चर्य की बात तो यह है कि आज तक इस छोटे से गांव काे किसी बाहरी आदमी ने देखा नहीं है।आप यकीन करें या न करें, लेकिन भगवान बालाजी की मूर्ति के पीछे एक सुंदर सी आवाज आती हैं। 



कहते हैं कि अगर मूर्ति के पीछे कान लगाए रखें, तो लगता है कि समुद्र में से लहरें उठ रही हैं।
इस मंदिर में भगवान खुद अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुके है।


 जी हां, बात कुछ ऐसी है कि बहुत समय पहले, 19वीं सदी के भारत में, क्षेत्र के राजा ने एक अपराध के लिए बारह लोगों को मौत की सजा दी थी। उनमें से बारह को फांसी पर लटका दिया गया। इसके बाद उनके मृत शरीर को बालाजी के मंदिर की दीवारों पर लटका गया, तब भगवान स्‍वयं यहां प्रकट हुए थे।


आप शायद नहीं जानते होंगे कि यहां मूर्ति पर चढ़ाए गए फूलों को मूर्ति के पीछे बहने वाले झरने में बहा दिया जाता है। अगर आप इन फूलों को देखना चाहते हैं, तो येरपेडु जाना होगा। 


यह जगह तिरुपति से कुल 20 किमी दूर है।तिरुपति मंदिर में दान देने वालों की कमी नहीं है। हर साल लाखों करोड़ें का दान आता है। इनमें से विदेशी मुद्रा ही करोड़ों रुपए की होती है। आरबीआई उस पैसे को बदलने में टीटीडी बोर्ड की मदद करता है।


तिरुपति बालाजी मंदिर के गर्भगृह में देवता की मूर्ति के सामने रखे मिट्टी के दीपक भी एक रहस्‍य हैं। कहते हैं कि ये दीपक कभी बुझते नहीं। ये दीपक कब जलते हैं और कौन इन्‍हें जलाता है, इसकी किसी को कोई जानकारी नहीं है। न ही इसका कोई रिकॉर्ड है। आज तक यह बस एक रहस्‍य बना हुआ है।

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