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उज्जैन स्थित महाकाल लोक विध्वंस की कहानी पीछे छोड़ वैभव की कथा कहने के लिए सजा चुका है

उज्जैन। मध्य प्रदेश का उज्जैन नगर इन दिनों पुलकित और प्रसन्नचित्त है। यहां के महाकालेश्वर या महाकाल मंदिर का वैभव एक बार फिर समूची सृष्टि में गूंजने वाला है। वर्ष 1235 में आक्रांता इल्तुतमिश द्वारा तोड़े जाने के बाद वर्ष 1734 में यहां मराठा शासक राणौजी शिंदे का शासन स्थापित हुआ और उन्होंने इसका पुनर्निर्माण करवाया। उसके करीब 300 वर्ष बाद अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कालखंड में यहां 'महाकाल लोक' का निर्माण किया गया है। नवनिर्मित महाकाल लोक विध्वंस की तमाम कहानियों को पीछे छोड़कर सनातन धर्म के वैभव की अनूठी कथा कहने के लिए तैयार है। 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री इसे लोकार्पित करने उज्जैन पहुंच रहे हैं।


महाकाल लोक पौराणिक कालखंड से लेकर वर्तमान तक का आख्यान है। इसमें जहां पुराणों में वर्णित शिव कथाओं का वर्णन है, वहीं निर्माण व साज-सज्जा में अत्याधुनिक शैली और तकनीक की झलक है। यह पीएम मोदी के विजन व धर्म के प्रति समर्पण, सनातन धर्म के विद्वानों के वैचारिक सृजन, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दृढ़ संकल्प और स्थानीय प्रशासन की प्रतिबद्धता से बनकर तैयार हो सका है।

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