उत्तराखंड में स्थित विश्व प्रसिद्ध बाबा केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को सोने से सजाने का काम पूरा हो गया है। मंदिर के गर्भगृह की दीवारों और छतों को 550 सोने की परतों से सजाकर एक भव्य रूप दिया गया। श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष ने बताया कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने का काम पिछले तीन दिनों से चल रहा था। इसकी दीवारों और छतों को तीन दिन में 19 कारीगरों ने सोने की 550 परतों से सजाकर भव्य रूप दिया है। इसके बाद IIT रुड़की, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च रुड़की और ASI की 6 सदस्यीय टीम ने धाम का निरीक्षण भी किया।
कैसे सजाया गया बाबा का गर्भगृह
केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत चढ़ाने का काम एक्सपर्ट की रिपोर्ट के बाद शुरू हो गया था। इसके लिए पहले दीवारों से चांदी हटाई गई। उसके बाद चांदी की जगह तांबा लगाया गया। गर्भगृह की दीवारों पर तांबा चढ़ाने के बाद नाप लिया गया और फिर से इस तांबे को निकालकर वापस महाराष्ट्र ले जाया गया, जहां तांबे की परत की नाप के आधार पर सोने की परतें तैयार की गईं। 3 दिन पहले, 18 खच्चरों के जरिए 550 परतों में सोना केदारनाथ पहुंचाया गया था। इसके बाद 19 कारीगरों ने दो ASI अधिकारियों की देखरेख में सोने की परतें लगाने का काम किया। सोने की ये परतें मंदिर के गर्भगृह, चारों खंभों एवं शिवलिंग के आसपास की जलहरी में भी लगाई गई है।
शीतकाल के लिए बंद होंगे कपाट
बाबा केदारनाथ धाम के कपाट 27 अक्टूबर को सुबह साढ़े आठ बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली, शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ प्रस्थान करेगी। इससे पहले बुधवार को वैदिक मंत्रोच्चार और विधि-विधान से पूजा के बाद दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर श्री गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।
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