:इंदौर । भारत के संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती गुरुवार को पूरे देश में मनाई जाएगी। देश में वर्णभेद को समाप्त करने की अलख जगाने वाले इस महानायक का जन्म इंदौर के समीप महू (मिलिट्री हेडक्वार्टर आफ वार) में 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। हालांकि महू में डा. आंबेडकर बहुत कम समय रहे, लेकिन उनकी जन्मभूमि को पूजने के लिए गुरुवार को मानों पूरा देश यहां इकट्ठा होगा।
इस बार उल्लास इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि कोरोनाकाल के दो साल तक डा. आंबेडकर के अनुयायी उनकी जयंती मनाने के लिए महू नहीं पहुंच सके थे। गुरुवार को यहां होने वाले कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल होंगे।
बाबा साहेब पुकारे जाने वाले डा. आंबेडकर के पिता रामजी मालोजी सकपाल ब्रिटिश सेना में सूबेदार थे और मां भीमाबाई गृहणी थीं। वर्ष 1894 में पिता सेना से सेवानिवृत्त हो गए और पूरा परिवार महाराष्ट्र के सतारा में रहने चला गया। दो साल बाद ही बाबा साहेब की मां का निधन हो गया और ननिहाल में ही उनका पालन-पोषण हुआ। हालात मुश्किल थे, लेकिन तपिश के बीच वे सोना बनकर निकले और पूरे राष्ट्र के नायक बन गए।
महू में बाबा साहेब की के जन्म स्थान पर मप्र सरकार ने भव्य स्मारक का निर्माण किया है। करीब 4.52 एकड़ भूमि स्मारक से जुड़ी है। यहां प्रतिवर्ष होने वाले आयोजनों में देश के गणमान्य नागरिक शामिल होते हैं।
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