देवघर के त्रिकूट पर्वत पर रोपवे में फंसे 40 से ज्यादा लोगों को दो दिनों तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बचा लिया गया। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना, वायुसेना, ITBP, NDRF और स्थानीय प्रशासन ने खतरनाक परिस्थितियों में भी लगातार काम करते हुए लोगों की जान बचाई।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देवघर में बचाव कार्यों में शामिल भारतीय वायुसेना के कर्मियों, भारतीय सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, स्थानीय प्रशासन और नागरिक समाज के कर्मियों के साथ बात की। पीएम मोदी ने उनकी तारीफ करते हुए कहा कि आपने तीन दिनों तक 24 घंटे लगकर एक मुश्किल रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा किया और अनेक देशवासियों की आपने जान बचाई है। पूरे देश ने आपके साहस को सराहा है, मैं इसे बाबा बैद्यनाथ जी की कृपा मानता हूं। हालांकि हमें दुख है कि कुछ साथियों का जीवन हम नहीं बचा पाए, जबकि अनेक साथी घायल भी हुए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि देश को गर्व है कि उसके पास हमारी थल सेना, वायु सेना, NDRF, ITBP के जवान और पुलिस बल के रूप में ऐसी कुशल फोर्स है, जो देशवासियों को हर संकट से सुरक्षित बाहर निकालने का माद्दा रखती है। आप सभी प्रशंसा के पात्र हैं। इस चर्चा में शामिल गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब त्रिकूट पहाड़ी पर इतने सारे यात्री फंसे हुए थे तो पूरे देश की सांसे अधर में लटकी हुई थीं। लेकिन सभी एजेंसियों ने बहुत कम समय में तालमेल के साथ कम से कम नुकसान के साथ इस ऑपरेशन को पूरा किया।
झारखंड के देवघर स्थित त्रिकूट पहाड़ रोपवे हादसा में ट्रॉली में फंसे लोगों में से कुल 46 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था। वैसे इस दौरान तीन लोगों की मौत हो गयी। ये हादसा रविवार की शाम साढ़े चार बजे के करीब हुआथा और तब से लेकर मंगलवार को, यानी तीसरे दिन ये रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हो गया। इस दौरान वायुसेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी समेत सेना के अन्य जवानों ने कड़ी मशक्कत और जान जोखिम में डालकर ट्रॉली में फंसे लोगों को नयी जिंदगी दी। इस हादसे में झारखंड के निवासी पन्नालाल ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए 10 पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाला। इस काम में बसडीहा निवासी उमेश सिंह, उपेंद्र विश्वकर्मा, नरेश गुप्ता और शिलावर चौधरी ने भी मदद की।
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