फिल्म काश्मीर फाइल्स के रिलीज होने के बाद कश्मीर की राजनीति पर नये सिरे से विवाद शुरु हो गया है। कश्मीरी पंडितों के पलायन पर खास तौर पर कांग्रेस निशाने पर है। जम्मू में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी की विभाजनकारी नीतियों को लगभग स्वीकार करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों का को 27x7 काम है लोगों को धर्म, जाति और अन्य चीजों के आधार पर बांटना, और इसमें मेरी पार्टी समेत सभी दल शामिल हैं। लेकिन ये सिविल सोसाइटी की जिम्मेदारी है कि राजनीतिक विरोध के बावजूद आपसी भाईचारा बनाये रखें और अगर किसी पर अन्याय हो, तो उसके खिलाफ आवाज उठायें।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने आगे कहा कि मेरा मानना है कि महात्मा गांधी सबसे बड़े हिंदू और धर्मनिरपेक्षतावादी थे। वहीं कश्मीर फाइल्स को लेकर आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जो हुआ उसके लिए पाकिस्तान और आतंकवाद जिम्मेदार हैं। इसने सभी हिंदुओं, कश्मीरी पंडितों, कश्मीरी मुसलमानों और डोगरा लोगों को प्रभावित किया।
कश्मीरी हिन्दुओं के पलायन के लिए इस तरह का बयान देने वाले गुलाम नबी आजाद पहले कश्मीरी नेता हैं। उमर अब्दुल्ला समेत तमाम कश्मीरी नेताओं ने फिल्म कश्मीर फाइल्स को हकीकत के करीब मानने से इंकार किया है। हाल ही में उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर फाइल्स को लेकर कहा था कि इस फिल्म में तरह-तरह के झूठ दिखाए गए हैं।
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