....

रुस के साथ वार्ता को तैयार हुआ यूक्रेन

 रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। दोनों तरफ भारी नुकसान हुआ है। शुरू में लग रहा था कि यूक्रेन कमजोर पड़ रहा है और जल्द घुटने टेक देगा, लेकिन ऐसा नहीं है। यूक्रेन की तरफ से भी रूस को भारी नुकसान पहुंचाने के दावे किए जा रहे हैं। यूक्रेन का तो यहां तक कहना है कि उसने रूस के 3500 सैनिक मार गिराए हैं। ताजा खबर यह है कि यूक्रेन और रूस के बीच बातचीत से मामला सुलझाने के रास्ते खुल गये हैं। यूक्रे ने बेलारुस में रुसी प्रतिनिधियों के साथ बातचीत पर सहमति जताई है, और अपना एक प्रतिनिधिमंडल बेलारूस भेजा है। रुस ने पहले ही अपना प्रतिनिधिमंडल वहां भेज दिया था। हालांकि यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की चाहते थे कि ये वार्ता किसी वारसॉ, इस्तांबुल और बाकू में हो और इसलिए पहले उन्होंने वार्ता में शामिल होने से इंकार कर दिया था।



अमेरिका ने चीन को दी चेतावनी

इस बीच, अमेरिका और चीन के बीच तनातनी शुरू हो गई है। दरअसल, रविवार सुबह अमेरिका ने चीन को चेतावनी जारी कि वह रूस का साथ देना बंद करे, अन्यथा बुरे परिणाम भुगतने होंगे। चीन ने भी जवाब देने में देर नहीं की और अमेरिका की रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि रूस पर केवल आर्थिक प्रतिबंध लगाने से कुछ नहीं होगा। चीन ने सवाल दी कि अमेरिका को इस समस्या का राजनीतिक हल निकालने के लिए कूटनीतिक प्रयास करने होंगे।

क्या होकर रहेगा तीसरा विश्व युद्ध (WWIII)

हमलों का आदेश देते समय रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि यदि कोई देश यूक्रेन के समर्थन में आया तो गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे। ताजा खबर यह है कि जर्मनी और फ्रांस ने यूक्रेन की मदद में कदम आगे बढ़ाए हैं। जर्मनी ने पहली बार यूक्रेन को अपने हथियार दिए हैं। वहीं फ्रांस ने बेलारूस से कहा है कि वह अपने यहां से रूसी सेना को भगाए। बता दें, बेलारूस शुरू से रूस के साथ है और से पुतिन की आर्मी ने यूक्रेन पर हमला शुरू किया था। कुल मिलाकर यूक्रेन और रूस की जंग अब बढ़ती जा रही है। अन्य महाशक्तियों के शामिल होने से तीसरे विश्व युद्ध की आशंकाएं उठने लगी हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति बोले- अब WWIII की विकल्प

इससे पहले रविवार सुबह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का बड़ा बयान आया। उन्होंने कहा, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दो ही विकल्प छोड़े है। या तो तीसरा विश्वयुद्ध हो जाए या रूस पर आर्थिक बैन लगाए जाएं। यही कारण है कि अमेरिका व अन्य देशों ने प्रतिबंधों का ऐलान किया है।

मारोयोपोल में रूसी हमले में ग्रीस के 10 नागरिकों की मौत हो गई है। इसके बाद ग्रीस भी रूस के खिलाफ भड़क गया है और ग्रीस में रूसी राजदूत को तलब किया गया है।

रूस के हमले के तीसरे दिन शनिवार को देर रात रूसी सेना की कमांडो टुकड़ी यूक्रेन की राजधानी कीव के मुहाने पर आ गई और वहां उसकी यूक्रेनी सैनिकों की आमने-सामने की लड़ाई शुरू हो गई। यह टुकड़ी टैंकों और भारी सैन्य वाहनों के लिए रास्ता बनाने के उद्देश्य से आगे आई है।

इससे पहले राजधानी में रूसी एजेंटों की मौजूदगी की बात मेयर कह चुके हैं और कहा है कि वे रूसी सेना के लिए काम कर रहे हैं। शनिवार को दिन भर कीव को तीन तरफ से घेरकर रूसी टैंक गोलों की बरसात करते रहे, जबकि आसमानी रास्ते से क्रूज मिसाइल लक्ष्यों को निशाना बना रही हैं।

ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि कीव से महज 30 किलोमीटर दूर रूसी सेना ने भारी जमावड़ा लगा रखा है। रूसी सेना राजधानी के नजदीक अपनी स्थिति मजबूत करती जा रही है। अमेरिका रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी इस बात की पुष्टि की है। जबकि राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि सेना और सरकार का राजधानी पर पूरा नियंत्रण बना हुआ है और हम पूरी ताकत से हमलों का मुकाबला कर रहे हैं।

Share on Google Plus

click vishvas shukla

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment