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काशी विश्वनाथ मंदिर मे महाशिवरात्रि से पहले 37 किलो सोने से चमक उठा

 वाराणसी. महाशिवरात्रि से पहले काशी विश्वनाथ मंदिर में 187 साल बाद एक स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है. मंदिर के गर्भगृह में 37 किलो सोने की परत मढ़ी गई है. इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ मंदिर में पहली बार स्वर्ण मंडन के कार्य पूर्ण होने के बाद गर्भगृह में जलाभिषेक किया. मंदिर में सोने से चमचमाती दीवारों और सीलिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चकित रह गए. मंदिर प्रशासन ने बताया कि अभी मंदिर में 37 किलो सोना लगाया है. वहीं 23 किलो सोना अन्य कार्यों में लगाया जाएगा. 

पीएम मोदी रविवार करीब 6 बजे काशी विश्वनाथ मंदिर में पहुंचे थे. इस दौरान अर्चक सत्यनारायण चौबे, नीरज पांडे और श्री देव महाराज ने बाबा का षोडशोपचार पूजन कराया. इस दौरान पीएम मोदी ने मंदिर में स्वर्ण कार्य को देखा. उन्होंने कहा कि विभिन्न देवताओं की आकृतियों की आभा स्वर्णमंडल के बाद और भी ज्यादा बढ़ गई है. गर्भ गृह सोने सा चमक उठा है. इस दौरान पीएम मोदी ने अर्चकों और अधिकारियों से इस अद्भुत कार्य को लेकर जानकारियां भी लीं. बताया जा रहा है कि महाशिवरात्रि से पहले बचा हुआ स्वर्णमंडन का भी पूर्ण कर लिया जाएगा.

पंजाब के तत्कालीन महाराजा रणजीत सिंह ने सन 1835 में विश्वनाथ मंदिर के दो शिखरों पर स्वर्णमंडन का कार्य कराया था. बताया जाता है कि उस वक्त साढ़े 22 मन सोने से कार्य कराया गया था. इसके बाद कई बार सोने मढ़ने का कार्य प्रस्तावित हुआ था. लेकिन, किसी ना किसी कारण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया. पिछले डेढ़ महीने पहले एक भक्त ने मंदिर में सोना लगवाने की इच्छा जताई. मंदिन प्रशासन की अनुमति मिलने के बाद इस पर कार्य शुरू कर दिया गया. एक महीने बाद शुक्रवार को सोना लगाने का कार्य शुरू हुआ. मंदिर प्रशासन की ओर से गर्भगृह के अंदर सोने लगाने का आधा काम पूर्ण कर लिया है. वहीं, बचा हुआ काम शीघ्र ही पूरा किया जाएगा.

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