भोपाल : जनजातीय महासम्मेलन में अपने संबोधन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एलान किया कि जनजातीय समुदाय पर दर्ज छोटे प्रकरण वापस लिए जाएंगे। ग्रामसभाओं को अधिक अधिकार देकर सशक्त बनाया जाएगा। राशन आपके द्वार योजना के तहत प्रधानमंत्री जो राशन देते हैं उसे गांव-गांव भेजा जाएगा। गाड़ी भी सरकार की नहीं आदिवासी नौजवान की होगी। बैंक से सरकार अपनी गारंटी पर ऋण प्रकरण स्वीकृत कराएगी। 37 लाख व्यक्तियों को राशन के लिए पात्रता पर्ची दी है। मोदी राज में कोई गरीब भूखा नहीं सोएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास दिए जा रहे हैं पर परिवार बड़ा होने से समस्या आ रही थी। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री भू-आवासीय अधिकार योजना बनाई है। इसमें निशुल्क भूखंंड दिए जाएंगे। कांग्रेस ने तो कभी स्कूल, सड़क बनाई नहीं है। बिजली भी हम गांव-गांव तक पहुंचा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी भोपाल सिर्फ नवाबों का इतिहास ही नहीं था। यहां कभी गोंडवाना का राज हुआ करता था। भोपाल से लेकर 52 गढ़ थे। इनमें से एक की रानी थी कमलापति। एक अफगान दोस्त मोहम्मद आया था, जिसने छल-कपट से पहले इस्लामगढ़ को लूटा और उसके नजर गिन्नौरगढ़ और उसकी रानी कमलापति पर पड़ी। उनके पुत्र नवल शाह वीरतापूर्वक लड़े और वीरगति को प्राप्त हो गए। रानी को लगा कि रक्षा नहीं कर पाएंगी तो सम्मान के लिए छोटे तालाब में जल समाधि ले ली। रानी भूला दी गई। इतिहास में उचित स्थान न तो अंग्रेजों ने दिया और न कांग्रेस ने। प्रधानमंत्री ने रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति करके न सिर्फ उनका, जनजातीय समाज, मध्य प्रदेश और भोपाल का सम्मान बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कई बार कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस मनाने पर कांग्रेस के नेताओं द्वारा सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने जनसमुदाय से पूछा कि क्या जनजातीय गौरव दिवस मनाना फिजूलखर्ची है, तो जवाब मिला नहीं। दो-दो पूर्व मुख्यमंत्री हमला कर रहे हैं। उनके पेट में दर्द हो रहा है। कोर्ट में जा रहे हैं। ये कहते थे कि भाजपा सरकार आदिवासी विरोधी है। आइफा जैसे आयोजन करके हीरो-हीरोइन पर करोड़ों रुपये खर्च करते हैं। अब वे सवाल उठाते हैं। पेसा एक्ट की बात करते हैं पर ये बताएं कि स्वयं ने क्या किया।
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