लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का मंगलवार को लोर्कापण करेंगे। वे इसके लिए सुल्तानपुर पहुंच रहे हैं। तीन साल पहले उन्होंने आजमगढ़ से इसका शिलान्यास किया था। प्रदेश को सरकार का यह उपहार मिलते ही इस अंचल के छोटे-छोटे जिलों की दिल्ली से दूरी घट जाएगी। योगी सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिक एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे बनाने की घोषणा की। जुलाई, 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने आजमगढ़ से इस महत्वाकांक्षी परियोजना की आधारशिला रखी। लखनऊ से गाजीपुर तक 340.824 किलोमीटर का यह एक्सप्रेसवे बनकर तैयार है।
सोमवार को लोकभवन में पत्रकारों से बातचीत में उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि एक्सप्रेसवे का लोकार्पण मंगलवार को पीएम मोदी सुलतानपुर के कूरेभार स्थित एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी से करेंगे। साथ ही जनसभा को भी संबोधित करेंगे।उनका कहना था कि यह प्रोजेक्ट बहुत चुनौतीपूर्ण था। तमाम निचले इलाकों में पानी भर जाता है। इधर, कोरोना संक्रमण की वजह से भी काम प्रभावित हुआ, लेकिन काम को रोका नहीं गया। पूरी सावधानी से साथ निर्माण कार्य जारी रखा। उसी का नतीजा है कि तय समय सीमा में एक्सप्रेसवे बनकर तैयार है।
अवस्थी ने बताया कि एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर औद्योगिक गलियारे बनाए जाएंगे।यहां विभिन्न प्रकार के उद्योग स्थापित होंगे। लाजिस्टिक सुविधा बेहतर होने से स्थानीय कारोबारियों, छोटे व्यापारियों आदि को भी लाभ होगा। वहीं, पूर्वांचल के छोटे-छोटे जिलों से अब लखनऊ और दिल्ली की दूरी घट गई है। दस घंटे का सफर महज साढ़े तीन से चार घंटे में तय किया जा सकेगा। यह एक्सप्रेसवे बिहार की सीमा तक है, इसलिए इसका लाभ बिहार के सीमावर्ती जिलों को भी सीधे मिल सकेगा।
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