उज्जैन । शुक्रवार 13 अगस्त 2021 को महाकालेश्वर मंदिर में नागपंचमी पर्व मनाया जावेगा। महाकालेश्वर मंदिर के ऊपर दूसरी मंजिल पर नागचन्द्रेश्ववर मंदिर है जो साल में एक बार 24 घंटे के लिए सिर्फ नागपंचमी के दिन ही खोला जाता है। महाकाल मंदिर के गर्भगृह के उपर ओंकरेश्वर मंदिर और शीर्ष पर नागचन्द्रेश्वर का मंदिर प्रतिष्ठापित है। नागचन्द्रेश्वर मंदिर में ११ वीं शताब्दीं की एक अद्भुत प्रतिमा स्थापित है, प्रतिमा में नागचन्द्रेश्वर स्वयं अपने सात फनों से सुशोभित हो रहे है। साथ में शिव पार्वती के दोनों वाहन नंदी एवं सिंह भी विराजित है। मूर्ति में गणेश की ललितासन मूर्ति, माँ उमा के दांयी ओर कार्तिकेय की मूर्ति व उपर की ओर सूर्य-चन्द्रमां भी अंकित है। इस प्रकार नागचन्द्रेश्वर की मूर्ति अपने आप में भव्यता एवं कलात्मकता का उदहारण है। भगवान के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए है, कहते हैं कि यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। ऐसी मान्यता है कि, उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है।
इस प्रतिमा के दर्शन के उपरांत अंदर प्रवेश करने पर भगवान नागचन्द्रेश्वर शिवलिंग के रूप में विराजित है।
नागचन्द्रेश्वर भगवान की होगी त्रिकाल पूजा
नागपंचमी पर्व पर भगवान नागचन्द्रेश्वर की त्रिकाल पूजा होगी। गुरूवार 12 अगस्त की रात्रि १२ बजे पट खुलने के पश्चात पंचायती महानिर्वाणी अखाडे के महंत विनीत गिरी जी एवं कलेक्टर एवं अध्यक्ष महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा प्रथम पूजन व अभिषेक किया जावेगा। शुक्रवार 13 अगस्त को अपरान्ह्: १२ बजे अखाडे द्वारा पूजन होगा। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा 13 अगस्त को महाकालेश्वर भगवान की सायं आरती के पश्चात नागचन्द्रेश्वर भगवान की पूजन आरती महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी एवं पुरोहितों द्वारा की जावेगी। पूजन के बाद मंदिर के पट रात्रि 12 बजे बंद होंगे। इस प्रकार 12 अगस्त की रात्रि 12 से 13 अगस्त की रात्रि 12 बजे तक नागचन्द्रेश्वर के पट 24 घण्टे खुले रहेगे।
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