जिला मुख्यालय से 24 किमी दूर अठाना गांव की बहू इन दिनों ग्रामीण युवतियों के लिए रोल मॉडल बनी हुई है। दिल्ली जैसे महानगर में वीजा काउंसलर की जॉब छोड़कर गांव की बहू बनी। अरावली पहाड़ियों के बीच मधुमक्खी पालन और शहद उत्पादन कर इस बहू ने खुद के साथ परिवार की जिंदगी में मिठास घोल दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर बनने
की परिकल्पना को मीनाक्षी ने खुद के बलबूते पर साकार कर दिया। एग्रीकल्चर स्किल
इंडिया के तहत मीनाक्षी इन दिनों आत्मनिर्भरता की मिसाल बन गई है। खुद का ब्रांड
बनाकर शहद के साथ अन्य उत्पाद में कारोबार कर रही है।
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