अयोध्या का श्रीराम मंदिर सिर्फ भारतीय जनमानस
की आस्था और विश्वास का देवालय नहीं है, बल्कि यह हिंदुस्तानी स्वाभिमान का भी
प्रतीक है।
कुछ ऐसी ही भावनाओं का उस वक्त उभार हुआ था और
हिंदुस्तान के कुछ कद्दावर राजनेता और संत जनता को यह समझाने में कामयाब रहे थे कि
राम मंदिर हमारी अस्मिता का सवाल है। इन्ही कुछ खास शख्सियतों की वजह से राम मंदिर
एक आंदोलन बना और अब उनका सपना साकार होने जा रहा है।
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