भोपाल । एक मार्च के
बाद वापस लौटे श्रमिकों का सरकार सर्वे कराएगी। इसमें मध्य प्रदेश के मूल
निवासियों का ही बुधवार से तीन जून तक सर्वे, सत्यापन और
पंजीयन किया जाएगा। इन्हें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना
(मनरेगा) में रोजगार दिलाने के साथ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के माध्यम से
निशुल्क राशन दिलाया जाएगा। सर्वे पंचायत सचिव, ग्राम रोजगार
सहायक और नगरीय क्षेत्र में वार्ड प्रभारी करेंगे।
सभी कलेक्टरों को निर्देश
प्रमुख सचिव श्रम डॉ.राजेश राजौरा ने सभी
कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि कोरोना महामारी के कारण प्रदेश के ऐसे मूल निवासी
श्रमिक, जो अन्य राज्यों में काम रहे थे और वापस लौटे हैं, उनका
सर्वे करके पंजीयन कराया जाना है।
मोबाइल एप से किया जाएगा सर्वे
सर्वे राष्ट्रीय सूचना केंद्र द्वारा तैयार
मोबाइल एप से किया जाएगा। इसके अलावा संबल पोर्टल में इसके लिए प्रवासी श्रमिक
प्रबंधन प्रणाली का भी उपयोग किया जा सकता है। सर्वे में ऐसे लोगों को शामिल नहीं
किया जाएगा, जो मध्यप्रदेश के मूल निवासी न हों या अन्य
राज्य प्रवास पर नहीं गए हों।
सर्वे के दौरान जिन श्रमिकों की समग्र आईडी
नहीं होगी, वह बनाई जाएगी और पात्रता अनुसार मुख्यमंत्री
जनकल्याण (संबल) योजना और भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मचारी कल्याण मंडल में भी
पंजीयन किया जाएगा। अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी इन्हें पात्रता के हिसाब से
दिलाया जाएगा। मनरेगा में काम करने के इच्छुक श्रमिकों को काम भी दिया जाएगा। श्रम
विभाग का अनुमान है कि करीब 20 लाख प्रवासी श्रमिक लॉकडाउन के कारण घर
वापस लौटे हैं।
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