खरगोन! मध्यप्रदेश सरकार ने महेश्वर परियोजना को सार्वजानिक हित के खिलाफ
मानते हुए परियोजना का विद्युत क्रय समझौता (पीपीए) रद्द कर दिया है। आदेश के साथ
ही परियोजना के लिए दी गई एसक्रो गारंटी और पुनर्वास समझौते को भी रद्द कर दिया
गया है। परियोजना के खिलाफ नर्मदा बचाओ आंदोलन के तहत प्रभावितों के 23
वर्ष के निरंतर संघर्ष की यह जीत है।
परियोजना के रद्द होने से प्रदेश की जनता का 42000
करोड़ रुपया बच जाएगा। नर्मदा बचाओ आंदोलन के वरिष्ठ कार्यकर्ता आलोक अग्रवाल ने
बताया कि राज्य सरकार के उपक्रम मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमि. द्वारा 18
अप्रैल 2020 को प्रयोजनाकर्ता महेश्वर हायडल पॉवर
कॉरपोरेशन लिमि. को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि परियोजनाकर्ता ने विद्युत क्रय
समझौते के तमाम प्रावधानों का उल्लंघन किया है, परियोजना में
वित्तीय धोखाधड़ी हुई है।
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