इंदौर ! देश जहां कोरोना वायरस से जंग लड़ा रहा है,
वहीं
कुछ ऐसे भी हैं जो ऐसे वक्त में देवदूत बने हेल्थ वर्कर्स पर ही हमला कर रहे
हैं। मध्य प्रदेश के इंदौर से बुधवार को जो तस्वीरें आईं, वो पूरे देश ने
देखी।
किस तरह एक इलाके में जांच करने गए डॉक्टर
समेत हेल्थ वर्कर्स को स्थानीय लोगों ने दौड़ा लिया था। उनपर पथराव किया। वे
किसी तरह जान बचाकर बच निकलने में कामयाब हो गए। अब प्रशासन ने हमलावरों के खिलाफ
सख्त रुख अख्तियार किया है। इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि मेडिकल टीम पर
हमला करने वाले लंबे समय तक जेल में रहेंगे। उन्होंने गुरुवार को कहा कि जो हेल्थ
वर्कर्स लोगों के लिए रोज 18 से 20 घंटे काम कर
रहे हैं, उनके साथ ऐसा व्यवहार कहीं से ठीक नहीं है। सुरक्षा पुख्ता करने के
लिए इंदौर में 5 कंपनी फोर्स मंगाई गई है जो जल्द पहुंच
जाएगी।
लंबा जेल में रहेंगे ये लोग: कलेक्टर
कलेक्टर ने कहा, "कल की घटना को
लेकर सख्त कार्रवाई कर रहे हैं। हम लोगों ने 5 कंपनी बल भी
मांगा है, जो आज शाम तक आ जाएगा। ये घटना बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
हमारे डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ 18-20 घंटे काम कर
रहे हैं। अगर उनके साथ ऐसी हरकत होगी ये बहुत गलत बात है। हम लोग उन्हें
(हमलावरों) गिरफ्तार भी कर रहे हैं और ये लंबा जेल में रहेंगे, जल्दी
छूटने वाले नहीं हैं।" कुमार ने कहा कि लोगों को समझाया जाए कि ये सब आपके
लिए ही काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों के साथ बदतमीजी होंगी तो बिल्कुल भी क्षम्य
नहीं है।
महिला डॉक्टर ने सुनाई आपबीती
टीम में शामिल महिला डॉक्टर ने अपनी आपबीती
सुनाते हुए कहा, "हमें पॉजिटिव कॉन्टेक्ट की हिस्ट्री मिली थी,
इसलिए
हम वहां गए थे। हम लोगों ने जैसे ही पूछताछ शुरू की, उन लोगों ने
पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। मेरे साथ डॉक्टर जाकिया भी थीं। हमारे साथ एएनएम और आशा
कार्यकर्ता भी थीं। साथ में तहसीलदार भी थे।" डाक्टर ने कहा कि यह तो अच्छा
था कि हमारे साथ में पुलिस फोर्स थी। हम बचकर आ गए, वरना बच नहीं
सकते थे।
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