भोपाल
। हाई कोर्ट से चयन सूची निरस्त होने के बाद प्रदेश के ढाई हजार असिस्टेंट
प्रोफेसरों की नौकरी पर संकट आ गया है। इन्हें सरकारी कॉलेजों में नियुक्त हुए चार
माह बीत चुके हैं, लेकिन अब तक पहला वेतन भी नहीं मिला
है।
इन्हें
पहला वेतन मिल पाता, इसके पहले ही नौकरी पर संकट आ गया। अब
हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारियां शुरू हो गईं हैं।
जबकि इस बारे में सहायक प्राध्यापक संघ का कहना है कि वे लोक सेवा आयोग और सरकार
के फैसले के बाद अपना रुख स्पष्ट करेंगे। उच्च
शिक्षा विभाग में आरक्षित वर्ग की 91 महिला असिस्टेंट प्रोफेसरों का चयन
सामान्य वर्ग में कर लिया गया था। इसके बाद इन्हें नियुक्ति भी नहीं दी जा रही थी।
इन
सभी तथ्यों को आधार बनाकर इन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। इस पर
फैसला देते हुए हाई कोर्ट ने पूरी चयन प्रक्रिया निरस्त कर इसे फिर से तैयार करने
के निर्देश दिए हैं। इससे नियुक्ति हासिल कर चुके ढाई हजार असिस्टेंट प्रोफेसरों
की नियुक्ति पर भी संकट आ गया है।
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