भोपाल ! कमलनाथ सरकार द्वारा मार्च के महीने में
आनन-फानन में की गई राजनैतिक और संवैधानिक पदों पर की गई नियुक्तियों पर भी संकट
के बादल छा गए है। निगम-मंडल, आयोगों में की गई नियुक्तियों को नई
सरकार आते ही निरस्त कराएगी। वहीं हाईकोर्ट में भी इन नियुक्तियों को लेकर याचिकाएं
लग गई है।
पीएससी में सदस्य बनाए गए रामू टेकाम और राशिद
सोहेल सिद्दीकी की नियुक्तियों को निरस्त किया जाएगा। वहीं मध्यप्रदेश महिला आयोग
की अध्यक्ष शोभा ओझा, मध्यप्रदेश राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के
अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह राजूखेड़ी, मध्यप्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग
के अध्यक्ष आनंद अहिरवार, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जेपी
धनोपिया और मध्यप्रदेश युवा आयोग के अध्यक्ष अभय तिवारी को राज्य सरकार ने कैबिनेट
मंत्री का दर्जा और सुविधाएं भी दे दी थी। इन आयोगों के सदस्य बनाए गए नीना सिंह,
जमुना
मरावी, डॉ शशि राजपूत, श्यार्मला एस मोयदे, प्रदीप
अहिरवार, गुरुचरण खरे, गुलाब उइके और हीरासन उइके को राज्य
मंत्री का दर्जा दिया गया था। इन सबकी नियुक्तियां निरस्त कराने की कार्यवाही की
जाएगी।
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