बेंगलुरु! संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा देश की सबसे प्रतिष्ठित
परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा को पास करके ही डीएम और एसपी जैसे बड़े पदों
पर तैनाती मिलती है। परीक्षा के लिए काफी मेहनत की भी जरूरत होती है। बेंगलुरु के
एक बस कंडक्टर ने नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई करके यूपीएससी परीक्षा पास करके यह साबित
किया है कि अगर हौसले बुलंद हो और ईमानदारी से मेहनत की जाए तो यूपीएससी ही नहीं,
ऐसी किसी भी परीक्षा पर फतह हासिल की जा सकती है।
29 साल के मधु एनसी बीएमटीसी में बस कंडक्टर हैं।
उन्होंने यूपीएससी की प्री और मेन्स परीक्षा पास कर ली है और 25
मार्च को इंटरव्यू देने वाले हैं। मधु के परिवार में एक भाई, भाभी
और माता-पिता हैं। अपने परिवार में मधु ही इकलौते शख्स हैं, जिसने
स्कूल जाकर पढ़ाई की है। मधु की मां को यूपीएससी का मतलब या इसका रुतबा नहीं पता
है लेकिन बेटे की इस सफलता पर वह भी बहुत खुश हैं।
मांड्या जिले के मूल निवासी मधु 19
साल की उम्र से कंडक्टर का काम कर रहे हैं। उन्होंने पॉलिटकल साइंस में मास्टर्स
भी की है। यूपीएससी के रिजल्ट में गर्व से अपना रोल नबंर दिखाते हुए मधु कहते हैं,
'मेरे माता-पिता नहीं जानते हैं कि मैंने कौन सी परीक्षा पास की है
लेकिन वे मेरे लिए काफी खुश हैं। अपने परिवार में मैं ही पहला शख्स हूं, जिसने
पढ़ाई की है।'
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