प्रयागराज : दिव्य-भव्य कुंभ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नई ऊंचाई दे दी। पवित्र त्रिवेणी में पुण्य की पांच डुबकी लगाकर पूजा-अर्चना के बाद साधु-संतों की चरणधूलि लेने की परंपरा में सामाजिक सुधार की कड़ी जोड़ी। पांच सफाई कर्मियों के पांव पखारे।
इस अनोखे सम्मान से गदगद स्वच्छता कार्यकर्ताओं के साथ-साथ सुरक्षा कर्मियों को कर्मयोगी की संज्ञा देकर सम्मानित किया। कर्मयोगियों के परिवार के लिए स्वच्छ सेवा सम्मान की घोषणा कर स्वच्छता, समरसता और समृद्धि की भी कामना की।
करीब ढाई घंटे के इस आध्यात्मिक प्रवास में तीर्थराज की पावन धरा से प्रधानमंत्री ने राजनीतिक विरोधियों के लिए बड़ी लकीर भी खींच दी।
पवित्र त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगाने के बाद तीर्थराज की पूजा, गंगा आरती व दान पुण्य कर प्रधानमंत्री मोदी परेड स्थित गंगा पंडाल पहुंचे।
प्रधानमंत्री की डुबकी के दौरान पुलवामा आतंकी हमले का आक्रोश श्रद्धालुओं की तरफ से पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे के रूप में अभिव्यक्त हुआ।
गंगा पंडाल में मंचासीन होने से पहले कुंभ के दौरान स्वच्छता में दिन रात मेहनत करने वाले पांच सफाई कर्मियों का पांव पखार उन्हें कपड़े से पोछा तो हर कोई अचरज में पड़ गया। लोग भावविभोर हो उठे।
मंच से प्रधानमंत्री ने कहा कि कुंभ में हठयोगी, तपयोगी, मंत्रयोगी हैं तो स्वच्छता कार्यकर्ता के रूप में कर्मठ कर्मयोगी भी। कर्मयोगियों में स्वच्छाग्र्रही भी हैं, नाविक भी हैं और पुलिस बल भी।
जहां 22 करोड़ लोग जुटे वहां स्वच्छता की सफल जिम्मेदारी निभाकर सभी ने साबित कर दिया कि दुनिया में नामुमकिन कुछ भी नहीं है। ये लोग भले ही शौचालय व गंदगी साफ करने का काम चुपचाप करते रहे, पर इनकी मेहनत का पता हमें दिल्ली में चल रहा था।
इस बार के कुंभ की पहचान स्वच्छ कुंभ के रूप में हुई है। सफाई कर्मियों के पैर धुलने को उन्होंने जीवन भर न भूलने वाला ऐतिहासिक पल बताया। उन्होंने समाज के सबसे उपेक्षित समझे जाने वाले वर्ग को सम्मानित कर प्रकारांतर से मिशन 2019 को भी धार दे दी।
इस अनोखे सम्मान से गदगद स्वच्छता कार्यकर्ताओं के साथ-साथ सुरक्षा कर्मियों को कर्मयोगी की संज्ञा देकर सम्मानित किया। कर्मयोगियों के परिवार के लिए स्वच्छ सेवा सम्मान की घोषणा कर स्वच्छता, समरसता और समृद्धि की भी कामना की।
करीब ढाई घंटे के इस आध्यात्मिक प्रवास में तीर्थराज की पावन धरा से प्रधानमंत्री ने राजनीतिक विरोधियों के लिए बड़ी लकीर भी खींच दी।
पवित्र त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगाने के बाद तीर्थराज की पूजा, गंगा आरती व दान पुण्य कर प्रधानमंत्री मोदी परेड स्थित गंगा पंडाल पहुंचे।
प्रधानमंत्री की डुबकी के दौरान पुलवामा आतंकी हमले का आक्रोश श्रद्धालुओं की तरफ से पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे के रूप में अभिव्यक्त हुआ।
गंगा पंडाल में मंचासीन होने से पहले कुंभ के दौरान स्वच्छता में दिन रात मेहनत करने वाले पांच सफाई कर्मियों का पांव पखार उन्हें कपड़े से पोछा तो हर कोई अचरज में पड़ गया। लोग भावविभोर हो उठे।
मंच से प्रधानमंत्री ने कहा कि कुंभ में हठयोगी, तपयोगी, मंत्रयोगी हैं तो स्वच्छता कार्यकर्ता के रूप में कर्मठ कर्मयोगी भी। कर्मयोगियों में स्वच्छाग्र्रही भी हैं, नाविक भी हैं और पुलिस बल भी।
जहां 22 करोड़ लोग जुटे वहां स्वच्छता की सफल जिम्मेदारी निभाकर सभी ने साबित कर दिया कि दुनिया में नामुमकिन कुछ भी नहीं है। ये लोग भले ही शौचालय व गंदगी साफ करने का काम चुपचाप करते रहे, पर इनकी मेहनत का पता हमें दिल्ली में चल रहा था।
इस बार के कुंभ की पहचान स्वच्छ कुंभ के रूप में हुई है। सफाई कर्मियों के पैर धुलने को उन्होंने जीवन भर न भूलने वाला ऐतिहासिक पल बताया। उन्होंने समाज के सबसे उपेक्षित समझे जाने वाले वर्ग को सम्मानित कर प्रकारांतर से मिशन 2019 को भी धार दे दी।
0 comments:
Post a Comment