नई दिल्ली : आर्थिक अपराध करके विदेश भाग जाने की घटनाओं से सबक लेते हुए सरकार एक-के-बाद एक कठोर कदम उठा रही है.
इसी क्रम में अब सरकारी बैंकों से 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का लोन मांगने वालों के लिए पासपोर्ट डीटेल देना अनिवार्य कर दिया है.
एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि सरकार का यह कदम लोन फर्जीवाड़े की स्थिति में त्वरित और आसान कार्रवाई सुनिश्चित करेगा और धोखाधड़ी करनेवालों को देश से भागने पर रोक लगाएगा.
इससे पहले, केंद्रीय कैबिनेट से फ्यूजिटिव इकनॉमिक ऑफेंडर्स बिल को हरी झंडी मिल चुकी है. साथ ही, बैंकों को 250 करोड़ रुपये से ज्यादा के लोन की निगरानी करने का भी आदेश दिया गया है.
बड़ा कर्ज लेकर देश छोड़कर भाग जाने की घटनाओं से सरकार समेत पूरे तंत्र पर गंभीर सवाल उठे हैं. इसी से चिंतित सरकार आर्थिक अपराधियों को देश में रोकने की विस्तृत योजना बना रही है.
इन कदमों को इसी मेगा प्लान के हिस्से के तौर पर देखा जा रहा है.बहरहाल, पासपोर्ट की जानकारी मिलने से बैंकों को समय रहते कार्रवाई करने और धोखाधड़ी करनेवालों को देश से भागने से रोकने के लिए सबंधित अथॉरिटीज को सूचना देने में मदद मिलेगी.
फाइनैंशल सर्विसेज सेक्रटरी राजीव कुमार ने ट्वीट किया, ‘साफ-सुथरी और उत्तरदायी बैंकिंग की दिशा में अगला कदम. 50 करोड़ रुपये से ज्यादा लोन के लिए पासपोर्ट डीटेल्स अनिवार्य कर दिए गए.
यह फर्जीवाड़े की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया कदम है.’
उन्होंने कहा कि आर्थिक अपराध करके देश छोड़ने से रोकने के लिए बैंकों को 50 करोड़ रुपये से ज्यादा लोन लेने वाले नए लोगों के पासपोर्ट डीटेल्स लेने होंगे.
जिन लोगों ने 50 करोड़ रुपये से ज्यादा लोन ले लिया है, उनसे 45 दिनों के अंदर पासपोर्ट डीटेल्स देने को कहा जा रहा है.
पासपोर्ट डीटेल्स के अभाव में बैंकों को कर्ज नहीं चुकानेवालों और खासकर जानबूझकर ऐसा करनेवालों को देश छोड़ने से रोकने में बहुत परेशानी हो रही थी.
नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, विजय माल्या और जतिन मेहता जैसे बड़े डिफॉल्टर्स कर्ज वसूलने वाले तंत्र को उलझन में डालकर देश से भाग गए.
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