इसके अलावा करणी सेना ने भी अपने तेवर ढीले नहीं किए हैं. हरियाणा, राजस्थान के मंत्रियों ने कहा कि कोर्ट फैसले पर विचार के बाद कदम उठाया जाएगा.
उधर, बिहार के मुजफ्फरपुर में कुछ लोगों ने सिनेमा हॉल में तोड़फोड़ सुप्रीम कोर्ट के आदेश को धता बता दिया. इन्हें करणी सेना का कार्यकर्ता बताा जा रहा है. यहां पद्मावत के पोस्टर लगे थे. फिल्म 25 जनवरी को रिलीज हो रही है.
राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा है कि फिल्म पद्मावत पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अध्ययन करने और विधि विशेषज्ञों से विचार विमर्श के बाद ही राज्य सरकार कोई कदम उठाएगी.
उन्होंने कहा कि सरकार शीर्ष अदालत के फैसला का सम्मान करती है. फैसले की प्रति मिलने के बाद सरकार उसका अध्ययन करेगी और विधि विशेषज्ञों से विचार विमर्श के बाद कदम उठाना होगा तो उठाएंगे. अगर विधि विशेषज्ञ आगे बढ़ने की राय देंगे तो आगे बढ़ेंगे.
वहीं, हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हमारी राय सुने बिना ही फैसला सुना दिया. सुप्रीम कोर्ट सुप्रीमो है इसलिए हमें ये फैसला मानना पड़ेगा. हम इस फैसले का अध्ययन करेंगे और देखेंगे कि क्या इसमें अपील करने की गुंजाइश है.
उधर, पद्मावत का तीखा विरोध कर रही करणी सेना ने जनता कर्फ्यू लगाने की बात कही है. करणी सेना प्रमुख लोकेंद्र कलवी ने उज्जैन में कहा कि पूरे देश के सामाजिक संगठनों से अपील करुंगा कि पद्मावत नहीं चलनी चाहिए. फिल्म हॉल पर जनता कर्फ्यू लगा दे.
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