हर शुक्रवार को होने वाली जुमे की नमाज की अगुवाई सामान्यत: पुरुष करते हैं। सोसायटी के सूत्रों ने बताया कि महिलाओं समेत करीब 80 लोगों ने इस नमाज में हिस्सा लिया।
जमीता ने कहा कि पवित्र कुरान मर्द और औरत में कोई भेदभाव नहीं करता है तथा इस्लाम में महिलाओं के इमाम बनने पर कोई रोक नहीं है।
उन्होंने कहा कि पहली बार हमारे देश के इतिहास में कोई महिला जुमे की नमाज की अगुवाई कर रही है। सोसायटी के केंद्रीय समिति कार्यालय में हर शुक्रवार को लोग नमाज के लिए इकट्ठा होते हैं। सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर बड़ी बहस छिड़ गई है।
लेकिन अभी भी कुछ कट्टरपंथी लोग हैं जो महिलाओं को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते। केरल के मलप्पुरम में शुक्रवार 26 जनवरी को महिला इमाम जमीदा टीचर ने जुमे की नमाज़ अदा करायी। भारत के इतिहास में इस तरह की यह पहली घटना है।
लेकिन इसके लिए महिला को धमकियां मिलनी शुरू हो गई है। जमीदा नामक महिला ने केरल के मल्लापुरम की एक मस्जिद मे नमाज़ की इमामत की है। इमामत के बाद से ही जमीदा को फोन और सोशल मीडिया के जरिये धमकियां मिल रही है।
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