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भारत एक बड़ी ताकत है चीन को मान लेना चाहिए: पूर्व US राजनयिक

वॉशिंगटन : सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच जारी गतिरोध के बीच अमेरिका की एक पूर्व राजनयिक ने कहा है कि चीन को यह मान लेना चाहिए कि भारत एक शक्ति है, जिसे मानना होगा और चीन के व्यवहार और एकतरफा कार्रवाइयों के कारण क्षेत्र के देश प्रभावित हो रहे हैं.
सहायक विदेश मंत्री (दक्षिण एवं मध्य एशिया) रह चुकीं भारतीय मूल की अमेरिकी निशा देसाई बिस्वाल ने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा, मुझे लगता है कि चीन को यह मान लेना चाहिए कि एशिया में रणनीतिक और सुरक्षात्मक क्षमता बढ़ रही है और निश्चित तौर पर भारत को एक शक्ति के रूप में मानना होगा.
बिस्वाल ओबामा प्रशासन के दूसरे कार्यकाल में दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के लिए एक अहम व्यक्ति रही हैं. उन्होंने कहा कि चीन की ओर से विभिन्न सीमावर्ती बिंदुओं पर- समुद्र में और जमीन दोनों पर आक्रामक हरकतें की जा रही हैं और ऐसे संकेत भेजे जा रहे हैं.
उन्होंने कहा, मैं चीन की भावनाएं समझती हूं और मुझे लगता है कि वह खुद को एशिया-प्रशांत क्षेत्र में एक प्रभावशाली देश के तौर पर पेश करने की कोशिश में है. 
मेरा मानना है कि चीन को यह बात मान लेनी चाहिए कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में देश उसके बर्ताव के कारण और उसकी एकतरफा कार्रवाइयों के कारण अस्थिरता का सामना कर रहे हैं.
बिस्वाल ने भारत-चीन सीमा गतिरोध से संबंधित सवालों का जवाब देते हुए कहा, चीन को इस तरह की कार्रवाइयों की बजाए कूटनीति और वार्ता के जरिए ज्यादा लाभ हासिल होंगे क्योंकि इस तरह की कार्रवाइयां बेहद चिंता और अनिश्चिततता पैदा करते हैं. उन्होंने यकीन जताया कि दोनों देशों के नेता इस स्थिति को और अधिक बिगड़ने से रोकने में कामयाब रहेंगे.
बिस्वाल ने साथ ही कहा कि चीन एक बेहद परिपक्व और संपन्न ताकत है और निश्चित तौर पर मुझे लगता है कि भारतीय पक्ष ने भी काफी संकल्प और संयम दिखाया है.
 पूर्व सहायक विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका विवादित दावों के निपटान के लिए एकतरफा कार्रवाइयों के पूरी तरफ खिलाफ रहा है, हमने समुद्री दावों के संदर्भ में काफी मजबूती से ऐसा किया है और थल सीमा दावों के संबंध में भी हम ऐसे खड़े रहे हैं.
बिस्वाल ने कहा, भारत ने साबित किया है कि वह पंचाट के जरिए, बातचीत के जरिए, कूटनीति के जरिये मुद्दों के लिए इच्छुक और सक्षम है और हम अपेक्षा करते हैं कि चीन भी यह दिखाए कि वह ऐसा करने में सक्षम है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में आगाह करते हुए कहा कि और तनाव बढ़ने के परिणाम खतरनाक होंगे.
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