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BSP सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा से दिया इस्तीफा

नई दिल्ली : बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है. मायावती ने आज शाम राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी से मिलकर उन्हें अपना त्यागपत्र सौंप दिया. 
उन्होंने त्यागपत्र देने के बाद कहा कि मैंने त्यागपत्र सौंपने के लिए सभापति से मुलाकात की. यह अच्छी बात नहीं है कि मेरे लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर सदन में बोलने नहीं दिया गया. 
जब मैं बोलने के लिए खड़ी हुई तो सरकार ने मेरी बात पूरी नहीं होने दी. उनके सदस्य खड़े हो गये और हस्तक्षेप करने लगे.
राज्यसभा चेयरमैन को इस्तीफा सौंपने के बाद मायावती ने कहा कि जब सत्ता पक्ष अपनी बात रखने का वक्त ही नहीं दे रहा है तो इस्तीफा देना ही ठीक है. 
सहारनपुर और अन्य स्थानों में दलितों के खिलाफ जारी हिंसा के मामले में अपनी बात ना रख पाने की वजह से मायावती राज्यसभा की सदस्यता छोड़ना की बात कही. हालाकि माना ये भी जा रहा है कि अगर मायावती इस्तीफा ना देंती तो 2018 में उनकी सदस्यता समाप्त हो जाती. मायावती की राज्यसभा में वापसी की राह भी आसान नहीं है.

मायावती ने अपने त्यागपत्र में कहा, ‘‘माननीय सभापतिजी मुझे बड़े दुख के साथ इस्तीफा देने का यह फैसला लेना पड़ रहा है कि देश में सर्व समाज में खासकर जिन गरीबों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों व मुस्लिमों एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों आदि के हित व कल्याण के लिए मैंने अपनी पूरी जिन्दगी समर्पित की है और यदि मुझे इनके हित व कल्याण की बात सत्ता पक्ष के लोग अर्थात भाजपा व इनके राजग के लोग नहीं रखने देंगे तो मुझे ऐसी स्थिति में इस सदन में रहने का बिल्कुल औचित्य नहीं रहा है.’’
उन्होंने इसी पत्र में कहा, मैं यह भी बताना चाहती हूं कि मैंने वर्ष 2003 में भी उत्तर प्रदेश में बसपा व भाजपा की मिली जुली सरकार में, अपनी पार्टी की विचारधारा एवं सिद्धान्तों में भाजपा का दखल होते देख लगभग 15 माह के भीतर ही अपने मुख्यमंत्री पद से और संयुक्त सरकार से इस्तीफा दे दिया था. उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में मायावती का वर्तमान कार्यकाल तीन अप्रैल 2012 से शुरू हुआ था।
बतौर राज्यसभा सांसद मायावती का कार्यकाल अगले साल अप्रैल में खत्म हो रहा है. लेकिन, सदन में दोबारा चुन कर आने लायक उनकी पार्टी के पास विधायक ही नहीं हैं. बीएसपी की विधानसभा के भीतर ताकत महज 19 विधायकों की रह गई है. अब इतने कम विधायकों के नाम पर उनकी सदन के भीतर दोबारा इंट्री तो नामुमकिन ही लग रही है. अगर किसी दूसरे के भरोसे दोबारा राज्यसभा में ना आ सकीं, तो मायावती अप्रैल 2018 के बाद राज्यसभा की पूर्व सांसद हो जाएगी.
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