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PM मोदी ने नोटबंदी पर मन की बात में कहा- देश सोने की तरह तप कर निखरेगा


दिल्‍ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 26वीं बार देश से मन की बात करते हुए नोटबंदी के अलावा सीमा पर सैनिकों के साथ मनाई दिवाली और कश्‍मीर में स्‍कूल जलाने की घटनाओं पर बात की।
नोटबंदी पर बात करते हुए पीएम ने भ्रष्‍टाचारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि कुछ लोग सुधरने के लिए तैयार ही नहीं है। वो अपना कालाधन सफेद करने में लगे हैं और इसके लिए गरीबों का उपयोग कर रहे हैं।
 ऐसे लोगों से कहना चाहता हूं कि सुधरना या न सुधरना आपकी मर्जी है, लेकिन इसके लिए गरीबों का इस्तेमाल ना करें। गरीबों की जिंदगी से मत खेलिए, रिकॉर्ड पर गरीब का नाम आ जाए और मेरा प्यारा गरीब आपके कारण फंस जाए।
पीएम ने साथ ही लोगों से अपील की कि वो कैशलेस ईकोनॉमी को अपनाते हुए आगे बढ़ें। पीएम ने देश के युवाओं से आह्वान किया कि आप इंटरनेट बैंकिंग से वाकिफ हैं और इसे आगे बढ़ाने के लिए कदम उठाएं।
 देश के युवा मेरे सच्‍चे साथी और आज देश की सेवा का अवसर आया है। यह देश को नई ऊंचाईयों पर ले जाने का वक्‍त है। आप इस बदलाव का नेतृत्‍व करें इस अभियान को सफल करने के लिए मदद करें।
पीएम ने मजदूरों और कामगारों से भी अपील की कि वो ई-बटुए का उपयोग करते हुए शोषण से बच सकते हैं।
इससे पहले पीएम ने कहा कि पिछले दिनों देश के सुधार के लिए कदम उठाए उस वक्‍त मैंने कहा था कि यह कदम बड़ा है और मुश्किल भरा है। इससे बाहर आने में 50 दिन लगेंगे। हम 70 साल से जिस बीमारी से जूझ रहे थे उसे निकालना कठिन काम है।
पीएम ने कहा कि आपकी कठिनाइयों को मैं समझता हूं, भ्रमित करने के प्रयास चल रहे हैं फिर भी देशहित की इस बात को आपने स्वीकार किया है। कभी-कभी मन को विचलित करने वाली घटनाएं सामने आते हुए भी, आपने सच्चाई के इस मार्ग को भली-भांति समझा है।
पीएम बोले कि 500,1000 के नोट और इतना बड़ा देश इतनी करेंसियों की भरमार और ये निर्णय-पूरा विश्व बहुत बारीकी से देख रहा है। पूरा विश्व देख रहा है कि सवा-सौ करोड़ देशवासी कठिनाइयां झेल करके भी सफलता प्राप्त करेंगे क्या! 
विश्व के मन में प्रश्न-चिन्ह हो सकता है लेकिन भारत को विश्वास है कि देशवासी संकल्प पूर्ण करके ही रहेंगे। हमारा देश सोने की तरह तप करके, निखर करके निकलेगा और उसका कारण इस देश का नागरिक है, उसका कारण आप हैं।
पीएम ने कहा कि केंद्र, राज्य, स्थानीय स्वराज संस्थाओं की इकाइयाँ, बैंक कर्मचारी, पोस्ट ऑफिस-दिन-रात इस काम में जुटे हुए हैं। तनाव के बीच, ये सभी लोग बहुत ही शांत-चित्त रूप से, इसे देश-सेवा का एक यज्ञ मान करके कार्यरत हैं।
 सुबह शुरू करते हैं, रात कब पूरा होगा, पता तक नहीं रहता है और उसी का कारण है कि भारत इसमें सफल होगा। कठिनाइयों के बीच बैंक,पोस्ट ऑफिस के लोग काम कर रहे हैं और जब मानवता के मुद्दे की बात आ जाए तो वो दो कदम आगे हैं।
 इस महायज्ञ के अन्दर परिश्रम करने वाले, पुरुषार्थ करने वाले इन सभी साथियों का भी मैं हृदय से धन्यवाद करता हूं।

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