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पैर छूने का वैज्ञानिक कारण


सभी ने कई-कई बार अपने बड़े-बुजुर्गों के पैरे छूए हैं। आशीर्वाद लेने के लिए जब भी कोई झुकता है, सामने वाले के पैर ही स्पर्श करता है।
 क्या आपने कभी सोचा है कि आशीर्वाद के लिए ऐसा ही क्यों किया जाता है? आशीर्वाद लेने के लिए पैर छूने का वैज्ञानिक कारण है। दरअसल, हमारे शरीर में ओपन एनर्जी के तीन सेंटर्स हैं, माथा, हाथ और पैर। पैरों में ओपन नाडी होती है, जहां से ऊर्जा निकती है।
 आशीर्वाद लेते समय हम अपने हाथ से सामने वाले के पैर छूते हैं। यानी हमारी एनर्जी के एक सेंटर का दूसरे की एनर्जी के सेंटर से संपर्क हो रहा है।
इसके बदले में सामने वाला हमारे माथे पर अपने हाथ रखता है। इस तरह से एक एनर्जी सक्रिट पूरा होता है और सही मायनों में पैर छूने वाले की जिंदगी में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
जो लोग अपने माता-पिता या उम्र में बड़े लोगों को सम्मान नहीं करते हैं, उनके पैर नहीं छूते हैं, उनमें साकारात्मक ऊर्जा की कमी होती है। इसका बड़ा खामियाजा उन्हें अपनी जिंदगी में भुगतना पड़ता है।

लोगों को शिक्षा दी जाती है कि वे रोज कम-से-कम एक बार अपने माता-पिता के चरण स्पर्श करें। इसके पीछे एक तर्क यह भी है कि भगवान ने हमें इस दुनिया में हमारे माता-पिता के माध्यम से भेजा है। इसलिए हमें जो कोई दिव्य शक्ति हासिल होना है, तो वो माता-पिता के जरिए ही होगी और चरण स्पर्श करना इसका एक तरीका है।

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