भारत की आलोचना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की समिति संख्या 1267 को सदस्य देशों द्वारा सौंपे गये आवेदन को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों की विशेष जरूरतों का अवश्य अनुपालन करना चाहिए।
भारत ने कहा था कि अजहर पर प्रतिबंध के प्रयासों की राह में चीन की दूसरी तकनीकी अडचन खतरनाक संदेश भेजेगा।
चीन 15 सदस्यीय यूएनएससी का एकमात्र सदस्य है जिसने अजहर पर प्रतिबंध का विरोध किया है। उसका का दावा है कि अजहर के खिलाफ भारत के आवेदन पर अलग-अलग राय है।
चीन ने इस सप्ताह के दौरान दूसरी बार तकनीकी रोक को तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया था। ऐसा नयी दिल्ली और बीजिंग के बीच विभिन्न स्तरों पर कई विचार-विमर्श के बावजूद किया गया।
यह मुद्दा 15 और 16 अक्तूबर को गोवा में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच होने वाली बैठक के दौरान उठने की उम्मीद है।
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