उप्र में अभद्र भाषा को लेकर सियासत लगातार गरम होती जा रही है. इस मामले में भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी अब आमने-सामने आ गए हैं.
भाजपा जहां शनिवार को बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर राज्यव्यापी प्रदर्शन करने जा रही है वहीं बसपा ने कहा है कि अगर भाजपा से निष्कासित नेता दयाशंकर सिंह गिरफ़्तार नहीं होते तो वो 25 जुलाई से राज्यव्यापी प्रदर्शन करेगी.
बसपा के प्रदर्शन के दौरान लगे नारों की अभद्र भाषा को लेकर दो दिन से लखनऊ की सियासत बेहद गर्म थी लेकिन शुक्रवार को देर शाम बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी ने सीधे तौर पर कहा कि जो भी हुआ उसमें कुछ भी ग़लत नहीं था.
बसपा के प्रदर्शन के दौरान नारों को हालांकि सबने सुना था लेकिन बसपा नेता का कहना था कि उसे ग़लत अर्थों में लिया गया.
सिद्दीकी ने कहा कि दयाशंकर की मां ने एफआईआर में जो आरोप लगाए हैं हम उन्हें ग़लत ठहरा रहे हैं. उन्होंने सवाल किया कि दयाशंकर सिंह की मां और बेटी, क्या हमारी अध्यक्षा के लिए प्रयोग किए गये शब्द को सही ठहराएंगी?
नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी ने आरोप लगाया कि यह बीजेपी की सोची समझी रणनीति है और यदि दयाशंकर सिंह को गिरफ़्तार नहीं किया गया तो बीएसपी 25 तारीख को राज्य के सभी मंडलों पर प्रदर्शन करेगी.
वहीं कल देर शाम ही बीजेपी भी इस मुद्दे को लेकर अचानक हरकत में आई और उसने नारा दिया- ‘बेटी के सम्मान में, बीजेपी मैदान में’. पार्टी इसी नारे के तहत शनिवार को सभी ज़िलों में प्रदर्शन करने जा रही है.
हालांकि शुक्रवार को बीजेपी से निष्कासित नेता दयाशंकर सिंह की माँ, उनकी पत्नी और बहनें अपने परिवार वालों और कुछ समर्थकों को लेकर सारे दिन हज़रतगंज कोतवाली का चक्कर काटती रहीं लेकिन बीजेपी का कोई नेता वहां नहीं दिखा.
बावजूद इसके दयाशंकर के परिवार वाले मायावती, नसीमुद्दीन समेत कई नेताओं के ख़िलाफ़ एफआईआर लिखाने में कामयाब रहे. दयाशंकर सिंह के समर्थन में उनके गृह जनपद बलिया में ज़रूर प्रदर्शन किए गए.
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