भोपाल। राज्यसभा चुनाव में मध्यप्रदेश से खाली हुई तीन सीटों में से दो सीट पर भाजपा प्रत्याशी अनिल माधव दवे एवं एमजे अकबर चुन लिए गए। एक कांग्रेस को गई।
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील एवं राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी विवेक तन्खा ने भाजपा समर्थित विनोद गोटिया को पराजित कर दिया।
बसपा के सहयोग से जीते तन्खा को 62 वोट मिले, जबकि गोटिया के हिस्से में 50 वोट ही आए। तीन निर्दलीय विधायकों में एक कांग्रेस को और दो वोट भाजपा को मिले।
राज्यसभा चुनाव में तीसरी सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे विनोद गोटिया को भाजपा ने समर्थन का ऐलान किया था। चुनाव में 228 विधायकों ने मतदान किया।
दोनों ही दलों ने एक-दूसरे पर खरीद-फरोख्त के आरोप भी लगाए, लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा कांग्रेस प्रत्याशी तन्खा को समर्थन का व्हिप जारी करने के बाद से तन्खा को निर्णायक बढ़त मिल गई थी।
इसके अलावा उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश राय मुनमुन ने भी समर्थन दिया।
कोर्ट के आदेश पर नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे को डाक मतपत्र की सुविधा एवं रमेश पटेल की जमानत मंजूर होने से कांग्रेस में उत्साह बढ़ गया था।
इसके अलावा दो साल से भाजपा के पाले में होने का दावा करने वाले जतारा से कांग्रेस विधायक दिनेश अहिरवार ने भी चुनाव में कांग्रेस का ही साथ दिया।
कांग्रेस ने व्हिप जारी किया था, अहिरवार ने अपना वोट तन्खा के पक्ष में डाला। भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी दवे एवं अकबर को 58-58 वोट मिले, पार्टी के शेष 48 वोट गोटिया के पक्ष में गए।
इसके अलावा उन्हें दो निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन मिल गया। निर्दलीय में सुदेश राय सीहोर और थांदला के कलसिंह ने भाजपा समर्थित गोटिया को वोट दिया।
नतीजे आने के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए विवेक तन्खा ने कहा कि यह जीत राहुल गांधी, मायावती और मप्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की जीत है।
इसके अलावा 2018 में होने वाले बदलाव की जीत है। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि वह मप्र की जनता के भरोसे पर खरे उतरेंगे और उच्च सदन में जनता की आवाज मुखर करेंगे।
अनिल माधव दवे-58, एमजे अकबर- 58, विवेक तन्खा-62, विनोद गोटिया-50
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