नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुड्डुचेरी में विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना सुबह के 8 बजते ही शुरू हो गई जो फिलहाल जारी है।
रुझान सुबह 9 बजे तक मिलना शुरू हुए और प्रारंभिक रूझानों के बाद दोपहर तक यह साफ हो गया कि पांचों राज्यों में कांग्रेस को करारा झटका लगा है। हर राज्य में कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा है।
असम में जहां भाजपा को बढ़त है तो बंगाल और तमिलनाडु में दीदी और अम्मा का जलवा है।
assam - भाजपा यहां अगर बहुमत प्राप्त कर लेती है तो यह पहली बार होगा जब वो असम में सरकार बनाएगी। इसके साथ ही उत्तर पूर्व में पार्टी की यह पहली जीत होगी। हालांकि फिलहाल पार्टी बहुमत के आंकड़े पर रूकी हुई है लेकिन फिर भी यह साफ लग रहा है कि सरकार भाजपा की ही बनेगी।
tamilnadu- 80 के दश के इतिहास को दोहराते हुए जयललिता ने लगातार दूसरी बार सत्ता में काबिज होने की तैयारी कर ली है। अम्मा की पार्टी ने करुणानिधि और कांग्रेस को धूल चटाते हुए बहुमत का आंकड़ा छू लिया है और उम्मीद की जा रही है कि नतीजे भी इससे अलग नहीं होंगे।
kerala-केरल में कांग्रेस को झटका लगा है और यहां लेफ्ट ने बढ़त बना ली है। रूझानों के अनुसार लेफ्ट केरल में सरकार बना रही है।
west bengal- दीदी का जादू चल गया और चुनाव से पहले तक बनी स्थितियों के उलट उन्होंने एक बार फिर जीत की तरफ कदम बढ़ाए हैं। खास बात यह है कि जो रूझान है उनके अनुसार 2011 में टीएमसी को जो सीटें मिली थीं उनसे कहीं ज्यादा सीटें इस बार मिली हैं।
कांग्रेस की एकमात्र उम्मीद नजर आ रहे पुडुचेरी में भी पार्टी को झटका लगा है और शुरुआती बढ़त के बाद पिछड़ गई। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि मतगणना दोपहर तीन बजे तक होगी।
तमिलनाडु में जनता ने पांच साल के लिए अपना नेता एआईडीएमके चीफ जयललिता को फिर चुन लिया है.
वोटों की गिनती अभी जारी है लेकिन तमिलनाडु की लगभग सभी सीटों के रुझान में जयललिता की पार्टी करुणानिधि की पार्टी को पछाड़ते हुए बहुमत के आंकड़ों को पार कर गई है.
11.15 मिनट तक 230 सीटों के रुझान मिले हैं. इन रुझानों के मुताबिक जयललिता की पार्टी 128 सीटों पर आगे है. वहीं करुणानिधि की पार्टी 97 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. बीजेपी ने भी तमिलनाडु में खाता खोल लिया है.
बीजेपी दो सीट पर आगे चल रही है. एक सीट पर अन्य उम्मीदवार को बढ़त हासिल है. तमिलनाडु में 27 साल पुराना इतिहास है एक सरकार 5 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा नहीं आती, लेकिन इस बार ये रिकॉर्ड टूटता हुआ दिख रहा है.
जयललिता 27 साल के इतिहास को तोड़ एक बार फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होने जा रहीं हैं. रुझानों पर बहुमत की खबर के साथ ही अम्मा के घर और पार्टी मुख्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं और समर्थों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया.
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