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BIHAR : RJD के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन शक के घेरे में, सीवान से भागलपुर जेल शिफ्ट किया गया

पटना.     जर्नलिस्ट राजदेव रंजन मर्डर केस में शक के घेरे में आए आरजेडी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को सीवान से भागलपुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। बुधवार को ही सीवान जेल पर छापा मारा गया था।

 इस दौरान कई आपत्तिजनक चीजें बरामद की गईं थीं। बताया जाता है कि जब जेल पर रेड की गई उस वक्त शहाबुद्दीन की सेल में जनता दरबार जैसा नजारा था।

 बताया जाता है कि बुधवार को छापे के दौरान जेल में जो कुछ डीएम और एसपी ने देखा, उसकी रिपोर्ट नीतीश कुमार को दी गई। इसके बाद फैसला लिया गया कि शहाबुद्दीन को सीवान जेल से किसी और जेल में शिफ्ट किया जाए

पुलिस के हाथ इस बात के सबूत लग चुके हैं कि शहाबुद्दीन की सेल से कुछ तो गलत किया जा रहा था। अब पुलिस आरजेडी के इस पूर्व सांसद को लेकर सख्त रवैया अपना रही है।

शहाबुद्दीन से मिलने आए 50 लोगों को हिरासत में ले लिया गया। पूर्व मेयर कृष्णा देवी को अरेस्ट किया गया है। छापे में शहाबुद्दीन के सेल से 8 मोबाइल फोन, 2 चाकू और कुछ आपत्तिजनक सामान बरामद किए गए हैं।

 जर्नलिस्ट राजदेव रंजन की हत्या 13 मई की रात उस वक्त की गई थी, जब वे आॅफिस से घर लौट रहे थे। उन्हें गोलियां मारी गई थीं। पुलिस को जांच के दौरान पता लगा कि राजदेव की मौत से पहले सीवान जेल से 36 फोन कॉल उस जगह किए , जहां राजदेव पर गोलियां चलाई गई थीं। 

 खास बात ये है कि राजदेव की मौत के फौरन बाद घटनास्थल से सीवान जेल फोन किया गया था।जेल के अंदर से ही मुलाकातियों से मिल रहे थे। डीएम और एसपी ने परिसर में भीड़ देखकर कार्रवाई की। मुलाकातियों में ज्यादातर सीवान के बड़े व्यवसायी और राजद कार्यकर्ता थे।

मुलाकातियों की मानें तो मो. शहाबुद्दीन से गुहार लगाने के लिए हर बुधवार रविवार को जेल गेट पर भारी भीड़ पहुंचती है। बुधवार को भी गेट पर भीड़ थी। लेकिन जैसे ही डीएम और एसपी की गाड़ी गेट पर पहुंची, शहाबुद्दीन वहां मौजूद लोगों को उठाते हुए अंदर चले गए।
 सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को एक शूटर की तलाश है जो यूपी भाग चुका है। उसकी तलाश में सीवान पुलिस की एक टीम यूपी रवाना कर दी गई है। माना जा रहा है कि इस शूटर का कनेक्शन सीवान जेल से है। पुलिस जेल में उस शूटर के कनेक्शन खंगाल रही है। 


 पुलिस को शक है कि राजदेव की हत्या का फरमान शायद सीवान जेल से ही सुनाया गया था। सीवान जेल से राजदेव के मर्डर वाली जगह पर तीन घंटे के दौरान कई फोन किए गए। खास बात यह है कि घटनास्थल से सीवान जेल सिर्फ एक ही फोन किया गया। यह फोन राजदेव की मौत के फौरन बाद किया गया था।

घटना के बाद से इस फोन का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। आखिरी लोकेशन यूपी में मिली है। इसलिए पुलिस का फोकस यूपी पर हो गया है। 

जानकारी के मुताबिक, जिन दो नंबरों पर आपस में बातचीत हुई, उनके सिम जाली दस्तावेज देकर खरीदे गए थे। 
 सिम बेचने वाले दुकानदार को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की जा रही है। 
 दरअसल, कुछ महीने पहले शहाबुद्दीन के कुछ फोटोग्राफ्स मीडिया में आए थे। इनमें वो जेल में आरजेडी के नेताओं और सपोर्टर्स से मिलते नजर आ रहे थे। बताया जाता है कि जेल की फोटो मीडिया में लीक होने से शहाबुद्दीन काफी नाराज थे।
 
 राजदेव का भी इन फोटो को लीक करने से लिंक था। पुलिस जर्नलिस्ट के मर्डर को इस एंगल से भी देख रही है। 
 नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि राजदेव मर्डर केस सीबीआई को सौंपा जा रहा है।
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