सामुद्रिक शास्त्र में शरीर के तमाम अंगों के बारे में बताया गया है। सामुद्रिक शास्त्र, ज्योतिष शास्त्र का एक अभिन्न भाग है। इसकी रचना भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय ने की है।
बात अगर मस्तिष्क को लेकर की जाए तो यह मानव शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। और मस्तिष्क के बाहरी भाग में होती हैं कई रेखाएं। इन रेखाओं का अपना एक अलग महत्व है। जिनसे आप किसी भी व्यक्ति का भविष्य भी जान सकते हैं।
- मस्तिष्क पर यदि रेखाएं नहीं होती है, वह व्यक्ति धनी होता है।
- पुरूष के मस्तिष्क पर जितनी रेखाएं बनी हो, उसके उतने ही भाई-बहन होने की संभावना होती है।
- जिस पुरूष का मस्तिष्क चौड़ा हो, वह व्यक्ति अधिक पुत्रों वाला होता है, परन्तु जॉब को लेकर परेशान रहता है।
- यदि व्यक्ति का मस्तिष्क नीचे से उपर की ओर उठा हुआ हो, वह मनुष्य धैर्यशील, धनवान व बुद्धिमान होता है।
- जिस व्यक्ति का मस्तक उपर से उठा हुआ हो तथ नीचे से झुका हो, वह मनुष्य अधिक स्त्रियों से विवाह करने वाला होता है।
- यदि पुरूष का मस्तिष्क छोटा हो, वह मनुष्य अधिक पुत्रियों वाला होता है। ऐसे व्यक्ति कठोर परिश्रम करके ही अपने जीवन का निर्वाहन कर पाते है।
- मनुष्य के मस्तिष्क में स्वच्छ, सरल, गम्भीर, पूर्ण तथा स्पष्ट रेखा होने से, वह व्यक्ति सुखी एवं दीर्घायु होता है। छिन्न-भिन्न रेखा से दुःखी और अल्पायु माना जाता है।
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