फेंगशुई के अनुसार ये नन्हीं सी मछलियां हमारी सारी मुसीबतों को अपने सर ले लेती हैं। इस प्रकार के छोटे से मछली घर को एक्वेरियम कहा जाता है।
एक्वेरियम सिर्फ मन को प्रसन्नता नहीं देते बल्कि फेंगशुई के अनुसार इनसे घर के सदस्यों के ऊपर आने वाली विपत्तियां टलती हैं एवं घर में धन-संपत्ति के आगमन में निरंतरता बनी रहती है।
लेकिन फेंगशुई के कुछ नियम हैं जिनका पालन करते हुए एक्वेरियम रखा जाए तभी इसका समुचित लाभ मिल पाता है। एक्वेरियम में मछलियों की संया का विशेष महत्व है।
फेंगशुई के अनुसार एक्वेरियम में मछलियों की संख्या कम से कम नौ होनी चाहिए। आठ मछलियां लाल अथवा सुनहरे रंग की होनी चाहिए जबकि एक मछली काले रंग की।
ज्योतिषशास्त्र में ग्रहों की संया नौ बतायी गयी है। संभव है कि इन्हीं कारणों से फेंगशुई में नौ मछलियां एक्वेरियम में रखने की बात कही गयी है।
सुंदरता में बेजोड़ इतनी महंगी मछलियों को खरीदने और उन्हें पालने के शौकीन लोग भी हैं, जो मछलियों का व्यापार करने वालों के यहां महंगी मछलियों को लाने के लिए न सिर्फ पहले से आर्डर कर देते हैं।
बल्कि ऐसी मछलियों के आते ही उन्हें खरीदने के लिए एक-दूसरे से बढ़कर बोली तक लगाते हैं। वे इसे शुभ मानते हैं। इसलिए इसे मंगाने के लिए बेताब रहते हैं।
एक्वेरियम में इठलाती सुंदर-सुंदर मछलियां बैंकॉक, सिंगापुर, चेन्नई, कोलकाता तथा चीन से मंगाई जाती हैं। जैसे सभी का अपना आशियाना होता है।
वैसा ही छोटा सा प्यारा सा मछलियों का आशियाना एक्वेरियम होता है, जो एक हजार की लागत से लेकर लाखों तक में बनाया जाता है। इसमें एयरमशीन, फिल्टर व हीटर लगाया जाता है, जिसके माध्यम से इन मछलियों को ज्यादा समय तक रखा जा सकता है।
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