उज्जैन। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का कहना है कि कुंभ लोगों को एक दूसरे से जोड़ने का माध्यम है। यही कामना है कि सिंहस्थ महाकुंभ के जरिए देश में सद्भाव और वसुदेव कुटुंबकम की भावना मजबूत हो और सबका कल्याण हो।
शाह ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी जी महाराज,महामंडलेश्चर अवधेशानंद, मुख्यमंत्री, भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान और बड़ी संख्या में साधु-संतों के साथ शिप्रा में डुबकी लगाई। भाजपा अध्यक्ष और अन्य नेताओं ने साधु संतों के साथ बैठकर भोजन भी किया। उन्होंने अपने परिजनों के साथ भगवान महाकालेश्वर के दर्शन भी किए।
यहां वाल्मीकि धाम में आयोजित कार्यक्रम में साधु-संतों को सम्मानित करने के बाद श्री शाह ने कहा कि कुंभ ऐसा आयोजन है जिसमें एक समय और एक ही स्थान पर बिना किसी आमंत्रण के लाखों लोग पुण्य लाभ के लिए पहुंचते हैं।
शाह ने कहा कुंभ का निमंत्रण किसी को नहीं दिया जाता, कुंभ एक आश्चर्य देने वाली घटना है। कुंभ में ईश्वर व्यवस्था करता है। उन्होंने प्रधानमंत्री की ओर से भी संतों को प्रणाम किया। इस दौरान उन्होंने सनातन धर्म और देश की संस्कृति का भी उल्लेख किया।शाह ने कहा कि यहां स्नान के साथ उनके चार कुंभ पूर्ण हो गए।
इसके बाद शाह ने मोक्षदायिनी शिप्रा नदी में साधु संतों के साथ स्नान किया। वाल्मीकि घाट संत समागम कार्यक्रम में शाह ने संतों का सम्मान किया।
दीनदयालपुरम् में अायोजित कार्यक्रम में श्री शाह ने कहा कि शंकराचार्य जयंती पर उनका साधु संतों के बीच यहां आना यहां सौभाग्य की बात है। शिप्रा में नर्मदा मिलन के साथ उन्होंने अपने शिप्रा स्नान का भी उल्लेख किया और सिंहस्थ के इंतजामों की तारीफ की। सीएम ने यहां कहा कि सत्ता सदैव संतों के मार्गदर्शन में ही चली है। सीएम शासक नहीं सेवक होता है।
समरसता स्नान को लेकर संतों के विरोध के बाद भाजपा ने अपने कदम पीछे खींच लिए थे, जिसके बाद कार्यक्रम को संत समागम का नाम दिया गया।
स्नान के लिए मेला प्रशासन ने शाही इंतजाम किए । घाट की साफ-सफाई, रंगाई-पुताई से लेकर ऑक्सीजनेशन प्लांट स्थापित कर नदी का पानी शुद्ध करने की कवायद की गई। इस कार्य पर लगभग 16 लाख स्र्पए खर्च आया। सुरक्षा के भी खास इंतजाम किए गए थे।
आधा सिंहस्थ गुजर जाने के बाद किसी राजनीतिक दल के नेता के लिए लाखों रुपए खर्च कर किए जा रहे ये शाही इंतजाम शहर में खासी चर्चा का विषय बने हुए हैं। घाट की साफ-सफाई, रंगाई-पुताई कराई कराई गई।
शिप्रा का पानी कांच की तरह साफ और शुद्ध बनाने के लिए ताबड़तोड़ नोएडा की पूरब लॉजिस्टिक कंपनी से ऑक्सीजनेशन प्लांट स्थापित कराया। कंपनी ने यहां नदी में 12 एरियेटर्स लगाए और 100 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर की मदद से पानी साफ करने की कवायद की।
दो फव्वारे और कपड़े बदलने के लिए अस्थायी चेंजिंग रूम बनाए गए। संपूर्ण क्षेत्र को मालवी परंपरा अनुसार रंग-बिरंगी लिग्गियों से सजाया गया। घाट को खूशबूदार बनाने के लिए लेमन ग्राम और रूम फ्रेशनर स्प्रे छिड़कवाने का बंदोबस्त किया है।
0 comments:
Post a Comment