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kerala temple fire : 106 लोगों की मौत, PM मोदी ने लिया हालात का जायजा

कोल्लम : केरल में यहां पास स्थित 100 साल पुराने पुत्तिंगल देवी मंदिर परिसर में रविवार तड़के आतिशबाजी के दौरान लगी आग में कम से कम 106 लोगों की मौत हो गई और 383 अन्य घायल हो गए। 

आतिशबाजी के लिए अनुमति नहीं ली गई थी।मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा रविवार देर रात जारी एक बयान में कहा गया है कि घटना में 106 लोगों की मौत हो गई जबकि 383 अन्य घायल हो गए।

केरल सरकार ने हादसे की अपराध शाखा से जांच के साथ ही इसकी उच्च न्यायालय के एक अवकाशप्राप्त न्यायाधीश से न्यायिक जांच का भी आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने यह घोषणा हादसे को लेकर कैबिनेट की एक आपात बैठक के बाद की।
यह हादसा तड़के साढ़े तीन बजे मंदिर परिसर में आतिशबाजी के दौरान हुआ। यह मंदिर केरल की राजधानी तिरूवनंतपुरम से करीब 70 किलोमीटर दूर है।
आतिशाबाजी के लिए राजस्व और पुलिस अधिकारियों ने कोई इजाजत नहीं दी थी जो सालाना उत्सव के तहत मध्यरात्रि शुरू हुई थी। इसे देखने के लिए हजारों लोग एकत्र हुए थे।
पुलिस ने बताया कि यह दुर्घटना तब हुई जब आतिशबाजी के दौरान गोदाम ‘कंबपुरा’ में चिंगारियां गिरीं और वहां रखे पटाखों में कर्णभेदी आवाज के साथ विस्फोट हो गया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया, ‘आग की लपटें तेजी से फैल गई जिसने परिसर में श्रद्धालुओं को अपनी गिरफ्त में ले लिया। झुलसे हुए शव और उनके अवशेष मंदिर परिसर में बिखरे पड़े थे।’ 
विस्फोट से मंदिर का एवं पास स्थित भवनों का कुछ कंक्रीट और प्लास्तर भी लोगों पर गिरा जिसके चलते कुछ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना को ‘हृदय विदारक’ और ‘चौंकाने वाली’ बताया और मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये मुआवजा और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की। मोदी स्थिति का जायजा लेने और घायलों को देखने के लिए यहां निजी तौर पर आये। 
प्रधानमंत्री ने घटनास्थल का दौरा किया और हालात का जायजा लिया। केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी और गृह मंत्री रमेश चेन्नीतला प्रधानमंत्री को परिसर के पास ले गए और उन्हें घटना की जानकारी दी।चांडी ने बताया कि शवों की पहचान के लिए वैज्ञानिक परीक्षण किया जाएगा।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विस्फोट की आवाज एक किलोमीटर की परिधि में सुनी जा सकी और पूरे इलाके में अंधेरा छा गया क्योंकि बिजली आपूर्ति ठप हो गई और लोग जैसे-तैसे भागने लगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि कोल्ल्म की जिला कलेक्टर ने आतिशबाजी के लिए इजाजत नहीं दी थी।
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