असम विधानसभा चुनाव के दूसरे और आखिरी चरण में 61 सीटों और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले चरण के दूसरे हिस्से के तहत 31 सीटों पर सोमवार सुबह सात बजे से मतदान चल रहा है।
असम में कांग्रेस, भाजपा-अगप-बीपीएफ गठबंधन और एआईयूडीएफ के बीच मुख्य मुकाबला है, जबकि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को वाममोर्चा और कांग्रेस मिलकर टक्कर दे रहे हैं।
निचले और मध्य असम के इलाके वाली इन सीटों पर 12,699 मतदान केंद्र हैं, जहां 1,04,35,271 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे। इस चरण में 525 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।दूसरे चरण के लिए 50,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है।
विशेष तौर पर बोडोलैंड क्षेत्र के जिलों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, जहां एनडीएफबी [एस] के उग्रवादी सक्रिय हैं। गोआलपाड़ा जिले में भी सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं, जहां हाल ही में बम विस्फोट हुआ था।
।ज्य में सोमवार को सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होना है जिस दौरान करीब 70 लाख मतदाता उम्मीदवारों की सियासी किस्मत का फैसला करेंगे। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस, वाम मोर्चा-कांग्रेस गठबंधन और भाजपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। इन सभी 31 सीटों पर इन दलों ने अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सूर्यकांत मिश्रा इस चरण के उम्मीदवारों में सबसे प्रमुख नाम हैं। वह नारायणगढ़ सीट से पांच बार से विधायक बनने के लिये मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मानस भुइंया की सियासी किस्मत का फैसला भी होना है।
वह सबांग सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। विधानसभा में सबसे वरिष्ठ सदस्य 91 वर्षीय ज्ञान सोहनलाल खड़गपुर सदर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष से है।
पश्चिम बंगाल में इस चरण के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नियमित तौर पर प्रचार कर रही थीं। भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और गृहमंत्री राजनाथ सिंह सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली। कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने अपनी पार्टी के लिए वोट मांगे।
पश्चिम बंगाल में इस चरण के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नियमित तौर पर प्रचार कर रही थीं। भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और गृहमंत्री राजनाथ सिंह सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली। कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने अपनी पार्टी के लिए वोट मांगे।
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