रायपुर। प्रदेश के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले से अपहृत हुए तीनों छात्रों को नक्सलियों ने रिहा कर दिया है। रिहा होने के बाद वे सुकमा जिले के चिंतलनार स्थित सीआरपीएफ कैंप पहुंचे हैं। जहां पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। इससे पहले बस्तर आईजी ने छात्रों की रिहाई तक दक्षिण बस्तर में नक्सल विरोधी ऑपरेशन नहीं चलाने के निर्देश दिए थे।
छात्र नक्सलियों की गिरफ्त में थे, उनकी जान को खतरा बना हुआ था। नक्सल विरोधी ऑपरेशन से नक्सलियों को नुकसान होता है, बदला लेने के लिए नक्सली छात्रों को नुकसान पहुंचा सकते थे। छात्रों को सुरक्षित रिहा कराना बस्तर पुलिस का मुख्य फोकस था।
पुणे के एसपी कॉलेज में पढ़ने वाले आदर्श पाटिल, विकास वालके और श्रीकृष्णा शेवाले 22 दिसंबर को पुणे से साइकिल रैली पर निकले। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति का संदेश देने निकले थे छात्र।12 जनवरी को ओडिशा के मलकानगिरी पहुंचने वाले थे छात्र। करीब एक सप्ताह पहले छात्रों के मोबाइल की आखिरी लोकेशन बीजापुर-कुटरू मार्ग पर दर्ज की गई थी। उसके बाद से उन तीनों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई थी।
शनिवार को छात्रों के अपहरण होने की सूचना पुलिस को मिली। रविवार दोपहर कुछ लोगों ने छात्रों को चिंतलनार इलाके में देखा।ग्रामीणों ने छात्रों को अपहरण और पुलिस द्वारा उन्हें ढूंढने की जानकारी दी। इसके बाद तीनों छात्र चिंतलनार स्थित सीआरपीएफ कैंप पहुंचे और अपनी रिहाई की जानकारी पुलिस को दी।
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