पंजाब के पठानकोट एयरफोर्स बेस में सेना, एनएसजी और अन्य सुरक्षा एजेसियों के जवानों ने सोमवार को दो और आतंकियों को मार गिराया। इस तरह से पठानकोट हमले में शामिल अब तक 6 आतंकियों को मार गिराया गया है, जबकि 7 जवान शहीद हुए हैं।
सुरक्षा बल एयर फोर्स बेस के पूरे इलाके को स्कैन कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोई आतंकी कहीं छिपा तो नहीं है। जब तक वे सुनिश्चित नहीं हो जाते हैं तब तक सर्च ऑपरेशन जारी रहेगा।
इस बीच पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी की भूमिका संदेह के घेरे में है। पठानकोट हमले की जांच कर रही एनआईए की टीम ने सोमवार को गुरदासपुर के एसपी सलविंदर सिंह और उनके रसोइए मदन गोपाल से पूछताछ की है। उन दोनों ने बताया है कि 31 दिसंबर को आतंकियों ने उनलोगों का अपहरण कर लिया था।
सुरक्षा बल एयर फोर्स बेस के पूरे इलाके को स्कैन कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोई आतंकी कहीं छिपा तो नहीं है। जब तक वे सुनिश्चित नहीं हो जाते हैं तब तक सर्च ऑपरेशन जारी रहेगा।
इस बीच पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी की भूमिका संदेह के घेरे में है। पठानकोट हमले की जांच कर रही एनआईए की टीम ने सोमवार को गुरदासपुर के एसपी सलविंदर सिंह और उनके रसोइए मदन गोपाल से पूछताछ की है। उन दोनों ने बताया है कि 31 दिसंबर को आतंकियों ने उनलोगों का अपहरण कर लिया था।
एसपी का कहना है कि आतंकियों ने उनको जंगल में फेंकने के बाद उनकी एसयूवी लेकर भाग निकले। वह एसयूवी एक जनवरी को पठानकोट बेस से लगभग डेढ किमी दूर थी। जांच एजेंसियों को यह बात खटक रही है कि आतंकियों ने गुरदसपुर के एसपी और उसके रसोइए को क्यों छोड़ दिया जबकि उन लोगों ने एक दूसरे वाहन चालक की हत्या कर दी थी। इस पर एसपी का कहना है कि उस दौरान वे सादे ड्रेस में थे और उन्होंने आतंकियों से कहा था कि वह एक आम नागरिक हैं।
जांचकर्ताओं को उनके बयान में विरोधाभास नजर आ रहा है। कई बार दिए गए उनके बयान में आतंकियों की संख्या अलग-अलग बताई गई है। एक बात और गौर करने वाली है कि आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए उसी शाम पंजाब पुलिस ने अपने अधिकारियों को अलर्ट कर दिया था।
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