लखनऊ. उत्तर प्रदेश के सीएम अखिलेश यादव और पत्नी डिंपल यादव शुक्रवार को विधानसभा की लिफ्ट में फंस गए। दोनों आधे घंटे से ज्यादा वक्त तक फंसे रहे। बाद में सरिया से लिफ्ट के गेट को तोड़कर दोनों को बाहर निकाला जा सका। इस मामले में तीन अफसरों को सस्पेंड किया गया है।
लिफ्ट अचानक बंद होने की वजह टेक्निकल फॉल्ट बताई जा रही है। लिफ्ट ऑपरेट करने वाली कंपनी पर एफआईआर दर्ज की गई। सीएम की सुरक्षा में लापरवाही होने पर अब कई अफसरों पर गाज गिर सकती है। बता दें कि अखिलेश को जेड प्लस सिक्युरिटी मिली हुई है। जहां भी सीएम जाते हैं, जिस रूट से जाते हैं उस रूट की दो बार चेकिंग की जाती है।
ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसी लापरवाही कैसे हो गई? जानकारी के मुताबिक, सरकार विधानसभा में मौजूद लिफ्ट का रख-रखाव पीडब्लुडी डिपार्टमेंट से करवाती है। माना जा रहा है कि जिम्मेदार इंजीनियरों पर करवाई हो सकती है। अफसरों की माने तो विधानसभा में तीन से चार साल पहले यह लिफ्ट लगाई गयी थी। इसके बावजूद उसका मेंटेनेंस नहीं कराया गया, जबकि हर साल मेंटेनेंस का पैसा भी मिलता है, लेकिन इसके बावजूद अफसर लापरवाही करते आए हैं।
विधानसभा में बाल संरक्षण आयोग की ओर से बाल संसद का आयोजन किया गया था। इसमें सीएम अखिलेश यादव पत्नी डिंपल यादव के साथ मौजूद थे। डिंपल कन्नौज से सांसद हैं। इसके अलावा कैबिनेट मंत्री आजम खान समेत कई मंत्रियों और खास लोगों को बुलाया गया था।
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