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निर्भया गैंगरेप केस : पुलिस पर बदसलूकी का आरोप, निर्भया की मां के हाथ में लगी चोट

नई दिल्ली. गैंगरेप केस के दोषी नाबालिग को रिहा किए जाने का इंडिया गेट पर विरोध कर रहे निर्भया के माता-पिता को पुलिस हिरासत में लेकर मुखर्जी नगर थाने ले गई। बताया जा रहा है कि इस दौरान पुलिस ने निर्भया की मां के साथ बदसलूकी की, जिससे उनके हाथ में चोट आई है। इस बीच, रविवार शाम को नाबालिग दोषी को रिहा कर दिया गया। उसे एनजीओ की निगरानी में ऑब्जर्वेशन सेंटर में रखा गया है।
 इंडिया गेट पर रिहाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे निर्भया के पिता को जैसे ही यह जानकारी मिली की जुवेनाइल को रिहा कर दिया है। उन्होंने रिएक्शन देते हुए कहा - ये कैसा कानून है? कोई मर जाता है और कोई क्राइम करके भी रिहा हो जाता है।
अब समाज फैसला करेगा कि सरकार के साथ क्या करना है। सरकार महिला सुरक्षा के लिए कुछ भी नहीं कर रही है। सरकार चाह रही है कि लोग मरते रहें। सड़कों पर महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ ऐसा ही क्राइम होता रहे। हम सभी इस फैसले से दुखी हैं, सरकार कुछ नहीं कर सकी अब समाज में आंदोलन होगा।
 इंडिया गेट पर हो रहे प्रदर्शन कर रहे निर्भया के माता-पिता को पुलिस ने हटाया। प्रदर्शनकारियों को बस में भरकर वहां से हटाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि पुलिस निर्भया के माता-पिता को पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने लेकर जा रही है।
 रिहाई का विरोध कर रहे लोग केजरीवाल के विरोध में नारे लगा रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान लोग अपने हाथों में जो प्लेकार्ड्स लिए हुए थे उनपर लिखा हुआ था पीएम मोदी व्हेयर आर यू, निर्भया नीड हेल्प।

निर्भया गैंगरेप केस के दोषी नाबालिग को रिहा कर दिया गया है। उसे ऑब्जर्वेशन होम में रखा गया है।निर्भया के माता-पिता पुलिस की रोक के बावजूद इंडिया गेट पहुंचे। उनके साथ कई लोग विरोध कर रहे हैं। निर्भया के माता-पिता दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध के लिए पहुंचे। पुलिस ने उन्हें प्रोटेस्ट करने से रोका। पुलिस ने जंतर मंतर से विरोध मार्च को इंडिया गेट जाने की परमीशन भी नहीं दी है। दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन की आशंका के बीच इंडिया गेट पर धारा 144 लगा दी है। लोगों को वहां जुटने से मना किया जा रहा है। निर्भया गैंगरेप के नाबालिग दोषी को रिहा किए जाने के खिलाफ निर्भया के माता-पिता इंडिया गेट पर प्रदर्शन करने जा रहे थे। लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें इसकी परमिशन नहीं दी। बताया जा रहा है कि नाबालिग की पहचान गुप्त रखी जाएगी।

 दिल्ली वुमन कमीशन की चीफ स्वाति मालीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार तक रेपिस्ट की रिहाई पर रोक नहीं लगाई है। गैंगरेप के वक्त यह दोषी नाबालिग था। इसलिए तीन साल तक उसे जुवेनाइल करेक्शन होम में रखने की सजा सुनाई गई थी। यह सजा 20 दिसंबर को पूरी हो गई। आईबी की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि निर्भया केस का यह दोषी ‘रैडिकलाइज’ यानी कट्टर हो चुका है। इसलिए उसे रिहा नहीं किया जाना चाहिए। इसी रिपोर्ट को आधार बनाते हुए बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक अर्जी कोर्ट में लगाई थी। इसमें दोषी की रिहाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
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