भोपाल. मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले में आरोपी पूर्व हायर एजुकेशन मिनिस्टर लक्ष्मीकांत शर्मा रविवार को जेल से छूट गए। शुक्रवार को उन्हें हाईकोर्ट से सभी मामलों में जमानत मिल गई थी। शर्मा के सपोर्टर्स ने जेल से बाहर आते ही उनका फूल-मालाओं से वेलकम किया।
शर्मा ने कहा कि मुझ पर लगे आरोपों और उठ रहे सवालों का जवाब कोर्ट में दूंगा। मुझे ज्यूडिशियरी और जांच एजेंसी पर पूरा विश्वास है। समाज की सेवा करता आया हूं, आगे भी करता रहूंगा। मेरे स्वागत के लिए उमड़ा ये हुजूम शक्ति प्रदर्शन नहीं, जनता का प्यार है। ईश्वर और प्रदेशवासियों का धन्यवाद। संकट के समय में जनता मेरे साथ थी। अपने खिलाफ साजिश पर बोले, 'भगवान जाने'।
जेल से छूटने के बाद लक्ष्मीकांत शर्मा सबसे पहले जेल परिसर में बने हनुमान मंदिर गए। मंदिर में दर्शन के बाद शर्मा अपने काफिले के साथ भोपाल में बायपास स्थित सुमित विहार पहुंचे और अपनी मां से मिले। 500 गाड़ियों के काफिले के साथ शर्मा भोपाल से विदिशा, लटेरी होते हुए अपने घर सिरोंज पहुंचे।
शर्मा की रिहाई के पहले बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, लक्ष्मीकांत शर्मा निर्दोष हैं। पार्टी में शामिल करने का फैसला पार्टी अध्यक्ष करेंगे।
लक्ष्मीकांत शर्मा के खिलाफ 2013 में व्यापमं मामले में जांच एजेंसी एसटीएफ ने केस दर्ज किया था।16 जून 2014 को एसटीएफ ने उन्हें अरेस्ट किया गया था। शर्मा के खिलाफ पुलिस आरक्षक, संविदा शिक्षक वर्ग-2, वर्ग-3, पीएमटी सहित सात मामलों में अयोग्य उम्मीदवारों को पैसे लेकर पास करवाने का आरोप है।
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