बड़वानी के आंखफोड़वा कांड अब मध्यप्रदेश की विधानसभा में गूंज उठा है. कांग्रेस ने शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन इस मामले को पूरी ताकत के साथ उठाया और सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
कांग्रेस ने इस मामले में स्थगन प्रस्ताव पेश कर दिया है. विधानसभा स्पीकर ने इस पर चर्चा की मंजूरी भी दे दी है. कांग्रेस का कहना है कि स्वास्थ्य सुविधाएं मुस्तैद होती तो आधा सैंकड़ा लोगों की आंखों की रोशनी नहीं जाती.
कांग्रेस का आरोप है कि मामले में स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा और स्वास्थ्य आयुक्त भी जिम्मेदार हैं. कांग्रेस ने तर्क भी दिये हैं कि मामला केवल संक्रमित ऑपरेशन थियेटर का नहीं हैं. बल्कि मरीजों को अमानक दवाएं देने का भी है. वहीं, नरोत्तम मिश्रा ने सफाई दी है कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है और मामले की जांच भी चल रही है. जांच में जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा.
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आंखफोड़वा कांड पर सख्त एक्शन लेते हुए अस्पताल के सिविल सर्जन को सस्पेंड करने का आदेश दिया है. इससे पहले ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर समेत पांच स्वास्थ्यकर्मियों को सस्पेंड किया जा चुका है.
मुख्यमंत्री शिवराज ने सोमवार को विधानसभा में बयान देते हुए कहा कि, मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद मरीजों के आंखों की रोशनी चली जाना बड़ी घटना है. सरकार जांच रिपोर्ट के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करेगी. वहीं, सीएम ने हादसा पीड़ितों को हर संभव मदद देने का ऐलान किया है.
इस दौरान उन्होंने अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर अमरसिंह बिजनार को सस्पेंड करने के आदेश दिए. वहीं इससे पहले राज्य सरकार ने ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर आरएस पलोड़ समेत ओटी इंचार्ज लीला वर्मा, नर्स माया चौहान, विनीता चौकसे, शबाना मंसूरी व नेत्र सहायक प्रदीप चौकड़े को निलंबित कर दिया है.
0 comments:
Post a Comment