बड़वानी जिले में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद संक्रमण के कारण आंखों की गंवाने वालों को शिवराज सिंह चौहान सरकार पांच हजार रुपये मासिक पेंशन देगी. सीएम ने पूरे मामले की उच्च- स्तरीय जांच कराने के लिए तीन सदस्यीय समिति का भी ऐलान किया है.
शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को विधानसभा में बड़वानी मामले पर हुई चर्चा के बाद पीड़ितों के लिए मासिक पेंशन दिए जाने की घोषणा की. इस मुद्दे पर विपक्षी दल कांग्रेस ने वित्त मंत्री नरोत्तम मिश्रा के इस्तीफें की मांग करते हुए वॉक आउट कर दिया था.
विपक्ष की गैरमौजूदगी में सदन में लौटे शिवराज ने बड़वानी की घटना को दुखद बताया. उन्होंने कहा कि बड़वानी की घटना दुखद है, और अब आने वाले समय में किसी भी स्थान पर नेत्र शिविर नहीं लगेगा.
उन्होंने आगे कहा कि पीड़ितों की एक आंख की रोशनी प्रभावित हुई है. सरकार ने रोशनी गंवाने वालों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक मदद और उपचार का इंतजाम किया है. साथ ही प्रभावितों को आजीवन पांच हजार रुपये की मासिक पेंशन दी जाएगी.
वहीं इस घटना की उच्चस्तरीय जांच होगी. जांच में अपर मुख्य सचिव, इंदौर मेडिकल कॉलेज के प्रतिनिधि और भोपाल एम्स के नेत्र विशेषज्ञ शामिल होंगे.
बड़वानी के जिला अस्पताल में नवंबर में लगाए गए नेत्र शिविर में कुल 80 लोगों का मोतियाबिंद ऑपरेशन हुआ था। इनमें से 56 मरीजों की आंखों में संक्रमण होने पर उन्हें इंदौर के अरविंदो और एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
संयुक्त संचालक (स्वास्थ्य) डॉ. शरद पंडित ने बताया कि केवल आठ मरीजों के आंखों की रोशनी लौटने की उम्मीद हैं. हालांकि, इसके लिए भी इन्हें तीन महीने इंतजार करना होगा. इसके बाद ही ऑपरेशन किया जा सकेगा.
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