इस्लामाबाद. पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने एक बार फिर कश्मीर का राग अलापा है। उन्होंने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में रेफरेंडम यानी जनमत संग्रह ही मसले का इकलौता हल है। शरीफ ने अपनी यह राय अलगाववादी पार्टी दुख्तरान-ए-मिल्लत की चीफ आसिया अंद्राबी को खत लिखकर जाहिर की है। पाक पीएम ने अपने खत में कश्मीर मसले पर आसिया के रुख की जमकर तारीफ भी की है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर अपनी पोजिशन पर डटा रहेगा। वहीं, बीफ पार्टी देने के बाद विवादों में आए कश्मीर से विधायक इंजीनियर रशीद ने कहा कि शरीफ के अलगाववादी महिला नेता आसिया को खत लिखने में कोई बुराई नहीं है।
रेडियो पाकिस्तान की न्यूज के मुताबिक, आसिया को लिखे खत में शरीफ ने कहा, "पाकिस्तान कश्मीर को एक जमीनी या बॉर्डर का मसला नहीं मानता। वह इसे 1947 में बंटवारा होने से उपजा मसला मानता है। लेकिन पाकिस्तान कश्मीर के लोगों को खुद फैसला करने का हक दिलाने की लड़ाई में उनके साथ है।"नवाज ने लेटर में लिखा, "मैं कश्मीर को लेकर आपके आइडिया और जज्बातों के लिए शुक्रिया अदा करता हूं। अल्लाह मुझे भी उम्मीदों पर खरा उतरने की उतनी ही ताकत दे, जितना आप मेरे लिए और पाकिस्तान के लिए दिखाती हैं। कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के स्टैंड पर आपके भरोसे से मैं पूरी तरह रजामंद हूं।"शरीफ ने भारत पर दोतरफा बातें करने का आरोप लगाया। शरीफ के मुताबिक, भारत ने वर्ल्ड कम्युनिटी से वादा किया था कि कश्मीरी लोगों को खुद का पॉलिटिकल फ्यूचर चुनने का हक होगा। लेकिन भारत इससे मुकर गया है।
आसिया अंद्राबी अलगाववादी पार्टी हुर्रियत की वुमन विंग 'दुख्तरान-ए-मिल्लत' (डॉटर ऑफ नेशन) की चीफ है। इस ऑर्गनाइजेशन का मकसद कश्मीर में इस्लामिक कानून लाना और इसे भारत से अलग करना है। 28 अगस्त, 2010 को आसिया को देश में गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देने, हिंसा फैलाने और देश के खिलाफ जंग छेड़ने के आरोप में अरेस्ट किया गया था।
आसिया के पति आशिक हुसैन फक्तू ने 22 साल जेल की सजा काटी है। सितंबर 2013 में आसिया के तीन भतीजों को आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े होने के शक पर अरेस्ट किया गया था।
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