मुंबई : रणबीर कपूर (वेद) और दीपिका पादुकोण (तारा) अभिनीत इम्तियाज अली की फिल्म 'तमाशा' शुक्रवार को रिलीज हो गई। पहले दिन फिल्म देखकर आए दर्शकों की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही। फिल्म की कहानी शहरी जीवनशैली में कामकाजी लोगों की झुंझलाहट पर बुनी गई है।
घुमावदार सूत्र में पिरोई गई कहानी में कई मुश्किलें और कई कमियां हैं। कई बार फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाने का तरीका दर्शकों के गले नहीं उतरता। कहीं-कहीं दृश्यों को बेहद लंबा खींचा गया है, जिससे वे उबाऊ लगने लगे। फिल्म में पारिवारिक जिंदगी में उलझे रणबीर की जिंदगी अचानक बदलने लग जाती है। स्क्रीन प्ले की कमजोरी से अच्छी-खासी थीम बेकार-सी लगने लगी।
कॉर्सिको में तारा और वेद मिलते हैं, दोनों तय करते हैं कि दोनों तय करते हैं कि वे एक-दूसरे को ना तो अपना नाम बताएंगे और ना ही अपनी जिंदगी के बारे में। चार साल बाद दोनों फिर से भारत में मिलते हैं। फिल्म कई पुरानी फिल्मों मसलन 'लव आजकल', रॉकस्टार की याद दिलाती है।
संगीत प्रेमियों के लिये फिल्म अच्छी है। गीतकार इरशाद कामिल और संगीतकार एआर रहमान की जोड़ी ने शानदार गाने दिये हैं। अभिनय की बात करें तो दीपिका रणबीर पर भारी पड़ती दिखाई दी। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी अच्छी है।
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