रतलाल-झाबुआ लोकसभा उपचुनाव में जीत दर्ज करने वाले कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया ने शुक्रवार को सांसद की शपथ ली. कांतिलाल भूरिया की जीत के बाद अब लोकसभा में कांग्रेस के सांसदों की संख्या 45 हो गई हैं.
पांचवीं बार सांसद चुने गए कांतिलाल भूरिया संसद की शीतकालीन सत्र के दौरान शपथ लेने के लिए परंपरागत तौर पर आदिवासी झुलडी (जैकेट) और साफा पहनकर पहुंचे थे. बाद में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से भी मुलाकात की.
कांतिलाल भूरिया ने भाजपा नेता और सांसद दिलीप सिंह भूरिया के निधन से खाली हुई रतलाम लोकसभा सीट के उपचुनाव में बड़ी जीत दर्ज की थी. उन्होंने दिलीप सिंह भूरिया की बेटी निर्मला भूरिया को 88877 वोटों से हराया.
रतलाम लोकसभा सीट पर जीत दर्ज कर कांतिलाल भूरिया अपनी पार्टी कांग्रेस के लिए सबसे बड़े नायक बनकर उभरे हैं. पिछले चुनाव में महज 44 सीट पर सिमट गई कांग्रेस की मोदी सरकार के कार्यालय में लोकसभा चुनाव में यह पहली जीत हैं.
दिल्ली और बिहार चुनाव में भाजपा को मिली हार में ही कांग्रेस की जीत थीं, लेकिन कांतिलाल भूरिया की जीत अब कांग्रेस की अपनी जीत हैं. कांग्रेस की डूबती नैया को सहारा देने वाले
-कांतिलाल भूरिया का जन्म झाबुआ जिले के राणापुर इलाके के 'मोरडूंडिया' गांव में हुआ था.
-उन्होंने झाबुआ महाविद्यालय से 1972 में छात्र राजनीति शुरु की थी.
-भूरिया ने 1974 में कानून की पढ़ाई पूरी की थी.
-उनका चयन राज्य प्रशासनिक सेवा के जरिए डीएसपी पद के लिए हुआ था.
-भूरिया ने नौकरी करने के बजाए राजनीति को अपना करियर चुना.
-थांदला से 1980 से 1996 तक 5 बार विधायक चुने गये.
-इस दौरान वे अर्जुन सिंह कैबिनेट मे संसदीय सचिव रहे तो दिग्विजय सरकार मे मध्य प्रदेश के अजाक मंत्री रहे.
-1996 में वह पहली बार सांसद चुने गए और लगातार पांच चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की.
-2003 में भूरिया को यूपीए-1 में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री बनाया गया था.
-यूपीए-2 में उन्हें केंद्रीय ट्राइबलमिनिस्टर बनाया गया.
-2011 मे भूरिया को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था लेकिन 2013 का प्रदेश विधानसभा चुनाव हारने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.
-मोदी लहर में वे 1 लाख 8 हजार से अधिक वोटो से हार गए थे.
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