कोलकाता ! कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बहुचर्चित शारदा चिटफंड घोटाला मामले में आरोपी एवं पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस नेता मदन मित्रा को निचली अदालत से मिली जमानत आज खारिज कर दी जिसके बाद मित्रा ने अलीपुर की अदालत में समर्पण कर दिया।
उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति निशिता म्हात्रे और न्यायमूर्ति तापस मुखर्जी की पीठ ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद निचली अदालत की ओर गत 31 अक्टूबर को मित्रा को दी गई जमानत खारिज करते हुये उन्हें अलीपुर के अतिरिक्त मुख्य ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के समक्ष समर्पण किये जाने के आज निर्देश दिये।
वकीलों के समूह के बीच घिरे मित्रा बाद में दक्षिणी कोलकाता स्थित अलीपुर अदालत पहुंचे और उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप समर्पण कर दिया। इससे पहले मित्रा ने भवानीपुर स्थित अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने उच्च न्यायालय की ओर से जारी निर्देश के संदर्भ में टेलीविजन पर समाचार देखा है और वह न्यायालय के आदेश का पालन करेंगे।
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक मित्रा के वकीलोंं ने अलीपुर अदालत से अपील की है कि उनके मुवक्किल की अस्वस्थता के दृष्टिगत उन्हें अस्पताल भेजा जाये।
सीबीअाई की ओर से उनके वकील के. राघव चारयुलु ने उच्च न्यायालय से कहा कि यदि आरोपी को स्वच्छंद घूमने की अनुमति दी जाती है तो इससे करोड़ों रुपये के घोटाला मामले की जांच पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
इससे पहले कल शाम तेजी से बदले राजनीतिक घटनाक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने परिवहन एवं खेल मंत्री रहे श्री मित्रा का इस्तीफा स्वीकार करते हुए इसे मंजूरी के लिये राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी के पास भेज दिया।
राज्यपाल ने आज बताया कि श्री मित्रा का इस्तीफा कल रात उन्हें मिल गया है।
श्री मित्रा के वकील एस. के. कपूर ने कल उच्च न्यायालय को जानकारी दी थी कि उनके मुवक्किल ने अस्वस्थता की वजह से से 15 महीने पहले अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था जबकि उन्हें 12 दिसम्बर 2014 को गिरफ्तार किया गया था।
उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति निशिता म्हात्रे और न्यायमूर्ति तापस मुखर्जी की पीठ ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद निचली अदालत की ओर गत 31 अक्टूबर को मित्रा को दी गई जमानत खारिज करते हुये उन्हें अलीपुर के अतिरिक्त मुख्य ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के समक्ष समर्पण किये जाने के आज निर्देश दिये।
वकीलों के समूह के बीच घिरे मित्रा बाद में दक्षिणी कोलकाता स्थित अलीपुर अदालत पहुंचे और उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप समर्पण कर दिया। इससे पहले मित्रा ने भवानीपुर स्थित अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने उच्च न्यायालय की ओर से जारी निर्देश के संदर्भ में टेलीविजन पर समाचार देखा है और वह न्यायालय के आदेश का पालन करेंगे।
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक मित्रा के वकीलोंं ने अलीपुर अदालत से अपील की है कि उनके मुवक्किल की अस्वस्थता के दृष्टिगत उन्हें अस्पताल भेजा जाये।
सीबीअाई की ओर से उनके वकील के. राघव चारयुलु ने उच्च न्यायालय से कहा कि यदि आरोपी को स्वच्छंद घूमने की अनुमति दी जाती है तो इससे करोड़ों रुपये के घोटाला मामले की जांच पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
इससे पहले कल शाम तेजी से बदले राजनीतिक घटनाक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने परिवहन एवं खेल मंत्री रहे श्री मित्रा का इस्तीफा स्वीकार करते हुए इसे मंजूरी के लिये राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी के पास भेज दिया।
राज्यपाल ने आज बताया कि श्री मित्रा का इस्तीफा कल रात उन्हें मिल गया है।
श्री मित्रा के वकील एस. के. कपूर ने कल उच्च न्यायालय को जानकारी दी थी कि उनके मुवक्किल ने अस्वस्थता की वजह से से 15 महीने पहले अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था जबकि उन्हें 12 दिसम्बर 2014 को गिरफ्तार किया गया था।
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