होशंगाबाद के कलेक्टर संकेत भोंडवे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करेंगे. निःशक्तजनों के पुनर्वास एवं उत्थान के लिए किए गए कार्य के लिए यह अवार्ड दिया जा रहा है. आईएएस बनने के पहले भोंडवे दुनिया की जानी-मानी सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस में जॉब करते थें.
दरअसल, होशंगाबाद जिला पूरे देश में निशक्त जनों के पुर्नवास और उत्थान में अव्वल रहा है. कलेक्टर के इन प्रयासों को देश भर में सर्वश्रेष्ठ पाया गया है, इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा जा रहा है.
पिछले साल होशंगाबाद में पदस्थ किए जाने के बादे संकेत भोंडवे ने होशंगाबाद जिले में निशक्त लोगों के लिए उमंग नाम से अभियान शुरू किया, जिसमें निशक्त जनों को स्वावलंबी बनाने एवं उनका परिवार बसाने में मदद की गई.
इतना ही नहीं, विकास खंड स्तर पर नि:शक्त युवक-युवतियों का परिचय सम्मेलन का आयोजन कर जिले में 51 जोड़ों का सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया.
जिले में इस अभियान के व्यापक असर के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू करने के आदेश मुख्यमंत्री ने जारी किए थे और ऐसे जोड़ों को सरकारी की तरफ से दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दिया गया था.
2007 बैच के आईएएस 37 वर्षीय संकेत भोंडवे मूल रूप से महाराष्ट्र के पुणे के रहने वाले हैं. भोंडवे एमसीए प्रशिक्षित हैं आईएएस बनने से पहले वे इन्फोसिस कम्पनी में सॉॅफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम कर चुके है.
बेहतर चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा भी सम्मानित भोंडवे ने रोडमैप टू आईएएस और नो योर इंडिया पुस्तकों का लेखन भी किया है.
कलेक्टर के रुप में भोंडवे जहां भी रहे उन्होंने हमेशा कुछ नया करने का प्रयास किया. इस वजह से उन्हें कई सम्मान भी हासिल हुए. नि:शक्तों के लिए काम करने पर उन्हें वर्ष 2011 में मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार और कृषि महोत्सव में पुरस्कार मिल चुका है.
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